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Surah Al-Araf Ayahs #194 Translated in Hindi

فَلَمَّا آتَاهُمَا صَالِحًا جَعَلَا لَهُ شُرَكَاءَ فِيمَا آتَاهُمَا ۚ فَتَعَالَى اللَّهُ عَمَّا يُشْرِكُونَ
फिर जब ख़ुदा ने उनको नेक (फरज़न्द) अता फ़रमा दिया तो जो (औलाद) ख़ुदा ने उन्हें अता किया था लगे उसमें ख़ुदा का शरीक बनाने तो ख़ुदा (की शान) शिर्क से बहुत ऊँची है
أَيُشْرِكُونَ مَا لَا يَخْلُقُ شَيْئًا وَهُمْ يُخْلَقُونَ
क्या वह लोग ख़ुदा का शरीक ऐसों को बनाते हैं जो कुछ भी पैदा नहीं कर सकते बल्कि वह ख़ुद (ख़ुदा के) पैदा किए हुए हैं
وَلَا يَسْتَطِيعُونَ لَهُمْ نَصْرًا وَلَا أَنْفُسَهُمْ يَنْصُرُونَ
और न उनकी मदद की कुदरत रखते हैं और न आप अपनी मदद कर सकते हैं
وَإِنْ تَدْعُوهُمْ إِلَى الْهُدَىٰ لَا يَتَّبِعُوكُمْ ۚ سَوَاءٌ عَلَيْكُمْ أَدَعَوْتُمُوهُمْ أَمْ أَنْتُمْ صَامِتُونَ
और अगर तुम उन्हें हिदायत की तरफ बुलाओंगे भी तो ये तुम्हारी पैरवी नहीं करने के तुम्हारे वास्ते बराबर है ख्वाह (चाहे) तुम उनको बुलाओ या तुम चुपचाप बैठे रहो
إِنَّ الَّذِينَ تَدْعُونَ مِنْ دُونِ اللَّهِ عِبَادٌ أَمْثَالُكُمْ ۖ فَادْعُوهُمْ فَلْيَسْتَجِيبُوا لَكُمْ إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ
बेशक वह लोग जिनकी तुम ख़ुदा को छोड़कर हाजत करते हो वह (भी) तुम्हारी तरह (ख़ुदा के) बन्दे हैं भला तुम उन्हें पुकार के देखो तो अगर तुम सच्चे हो तो वह तुम्हारी कुछ सुन लें

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