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Surah At-Tawba Ayahs #79 Translated in Hindi

وَمِنْهُمْ مَنْ عَاهَدَ اللَّهَ لَئِنْ آتَانَا مِنْ فَضْلِهِ لَنَصَّدَّقَنَّ وَلَنَكُونَنَّ مِنَ الصَّالِحِينَ
और इन (मुनाफेक़ीन) में से बाज़ ऐसे भी हैं जो ख़ुदा से क़ौल क़रार कर चुके थे कि अगर हमें अपने फज़ल (व करम) से (कुछ माल) देगा तो हम ज़रूर ख़ैरात किया करेगें और नेकोकार बन्दे हो जाऎंगे
فَلَمَّا آتَاهُمْ مِنْ فَضْلِهِ بَخِلُوا بِهِ وَتَوَلَّوْا وَهُمْ مُعْرِضُونَ
तो जब ख़ुदा ने अपने फज़ल (व करम) से उन्हें अता फरमाया-तो लगे उसमें बुख्ल करने और कतराकर मुंह फेरने
فَأَعْقَبَهُمْ نِفَاقًا فِي قُلُوبِهِمْ إِلَىٰ يَوْمِ يَلْقَوْنَهُ بِمَا أَخْلَفُوا اللَّهَ مَا وَعَدُوهُ وَبِمَا كَانُوا يَكْذِبُونَ
फिर उनसे उनके ख़ामयाजे (बदले) में अपनी मुलाक़ात के दिन (क़यामत) तक उनके दिल में (गोया खुद) निफाक डाल दिया इस वजह से उन लोगों ने जो ख़ुदा से वायदा किया था उसके ख़िलाफ किया और इस वजह से कि झूठ बोला करते थे
أَلَمْ يَعْلَمُوا أَنَّ اللَّهَ يَعْلَمُ سِرَّهُمْ وَنَجْوَاهُمْ وَأَنَّ اللَّهَ عَلَّامُ الْغُيُوبِ
क्या वह लोग इतना भी न जानते थे कि ख़ुदा (उनके) सारे भेद और उनकी सरगोशी (सब कुछ) जानता है और ये कि ग़ैब की बातों से ख़ूब आगाह है
الَّذِينَ يَلْمِزُونَ الْمُطَّوِّعِينَ مِنَ الْمُؤْمِنِينَ فِي الصَّدَقَاتِ وَالَّذِينَ لَا يَجِدُونَ إِلَّا جُهْدَهُمْ فَيَسْخَرُونَ مِنْهُمْ ۙ سَخِرَ اللَّهُ مِنْهُمْ وَلَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ
जो लोग दिल खोलकर ख़ैरात करने वाले मोमिनीन पर (रियाकारी का) और उन मोमिनीन पर जो सिर्फ अपनी शफ़क़क़्त (मेहनत) की मज़दूरी पाते (शेख़ी का) इल्ज़ाम लगाते हैं फिर उनसे मसख़रापन करते तो ख़ुदा भी उन से मसख़रापन करेगा और उनके लिए दर्दनाक अज़ाब है

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