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Surah Al-Baqara Ayahs #131 Translated in Hindi

وَإِذْ يَرْفَعُ إِبْرَاهِيمُ الْقَوَاعِدَ مِنَ الْبَيْتِ وَإِسْمَاعِيلُ رَبَّنَا تَقَبَّلْ مِنَّا ۖ إِنَّكَ أَنْتَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ
और (वह वक्त याद दिलाओ) जब इबराहीम व इसमाईल ख़ानाए काबा की बुनियादें बुलन्द कर रहे थे (और दुआ) माँगते जाते थे कि ऐ हमारे परवरदिगार हमारी (ये ख़िदमत) कुबूल कर बेशक तू ही (दूआ का) सुनने वाला (और उसका) जानने वाला है
رَبَّنَا وَاجْعَلْنَا مُسْلِمَيْنِ لَكَ وَمِنْ ذُرِّيَّتِنَا أُمَّةً مُسْلِمَةً لَكَ وَأَرِنَا مَنَاسِكَنَا وَتُبْ عَلَيْنَا ۖ إِنَّكَ أَنْتَ التَّوَّابُ الرَّحِيمُ
(और) ऐ हमारे पालने वाले तू हमें अपना फरमाबरदार बन्दा बना हमारी औलाद से एक गिरोह (पैदा कर) जो तेरा फरमाबरदार हो, और हमको हमारे हज की जगहों दिखा दे और हमारी तौबा क़ुबूल कर, बेशक तू ही बड़ा तौबा कुबूल करने वाला मेहरबान है
رَبَّنَا وَابْعَثْ فِيهِمْ رَسُولًا مِنْهُمْ يَتْلُو عَلَيْهِمْ آيَاتِكَ وَيُعَلِّمُهُمُ الْكِتَابَ وَالْحِكْمَةَ وَيُزَكِّيهِمْ ۚ إِنَّكَ أَنْتَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ
(और) ऐ हमारे पालने वाले मक्के वालों में उन्हीं में से एक रसूल को भेज जो उनको तेरी आयतें पढ़कर सुनाए और आसमानी किताब और अक्ल की बातें सिखाए और उन (के नुफ़ूस) के पाकीज़ा कर दें बेशक तू ही ग़ालिब और साहिबे तदबीर है
وَمَنْ يَرْغَبُ عَنْ مِلَّةِ إِبْرَاهِيمَ إِلَّا مَنْ سَفِهَ نَفْسَهُ ۚ وَلَقَدِ اصْطَفَيْنَاهُ فِي الدُّنْيَا ۖ وَإِنَّهُ فِي الْآخِرَةِ لَمِنَ الصَّالِحِينَ
और कौन है जो इबराहीम के तरीक़े से नफरत करे मगर जो अपने को अहमक़ बनाए और बेशक हमने उनको दुनिया में भी मुन्तिख़ब कर लिया और वह ज़रूर आख़ेरत में भी अच्छों ही में से होगे
إِذْ قَالَ لَهُ رَبُّهُ أَسْلِمْ ۖ قَالَ أَسْلَمْتُ لِرَبِّ الْعَالَمِينَ
जब उनसे उनके परवरदिगार ने कहा इस्लाम कुबूल करो तो अर्ज़ में सारे जहाँ के परवरदिगार पर इस्लाम लाया

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