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Surah Al-Baqara Ayahs #133 Translated in Hindi

رَبَّنَا وَابْعَثْ فِيهِمْ رَسُولًا مِنْهُمْ يَتْلُو عَلَيْهِمْ آيَاتِكَ وَيُعَلِّمُهُمُ الْكِتَابَ وَالْحِكْمَةَ وَيُزَكِّيهِمْ ۚ إِنَّكَ أَنْتَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ
(और) ऐ हमारे पालने वाले मक्के वालों में उन्हीं में से एक रसूल को भेज जो उनको तेरी आयतें पढ़कर सुनाए और आसमानी किताब और अक्ल की बातें सिखाए और उन (के नुफ़ूस) के पाकीज़ा कर दें बेशक तू ही ग़ालिब और साहिबे तदबीर है
وَمَنْ يَرْغَبُ عَنْ مِلَّةِ إِبْرَاهِيمَ إِلَّا مَنْ سَفِهَ نَفْسَهُ ۚ وَلَقَدِ اصْطَفَيْنَاهُ فِي الدُّنْيَا ۖ وَإِنَّهُ فِي الْآخِرَةِ لَمِنَ الصَّالِحِينَ
और कौन है जो इबराहीम के तरीक़े से नफरत करे मगर जो अपने को अहमक़ बनाए और बेशक हमने उनको दुनिया में भी मुन्तिख़ब कर लिया और वह ज़रूर आख़ेरत में भी अच्छों ही में से होगे
إِذْ قَالَ لَهُ رَبُّهُ أَسْلِمْ ۖ قَالَ أَسْلَمْتُ لِرَبِّ الْعَالَمِينَ
जब उनसे उनके परवरदिगार ने कहा इस्लाम कुबूल करो तो अर्ज़ में सारे जहाँ के परवरदिगार पर इस्लाम लाया
وَوَصَّىٰ بِهَا إِبْرَاهِيمُ بَنِيهِ وَيَعْقُوبُ يَا بَنِيَّ إِنَّ اللَّهَ اصْطَفَىٰ لَكُمُ الدِّينَ فَلَا تَمُوتُنَّ إِلَّا وَأَنْتُمْ مُسْلِمُونَ
और इसी तरीके क़ी इबराहीम ने अपनी औलाद से वसीयत की और याकूब ने (भी) कि ऐ फरज़न्दों खुदा ने तुम्हारे वास्ते इस दीन (इस्लाम) को पसन्द फरमाया है पस तुम हरगिज़ न मरना मगर मुसलमान ही होकर
أَمْ كُنْتُمْ شُهَدَاءَ إِذْ حَضَرَ يَعْقُوبَ الْمَوْتُ إِذْ قَالَ لِبَنِيهِ مَا تَعْبُدُونَ مِنْ بَعْدِي قَالُوا نَعْبُدُ إِلَٰهَكَ وَإِلَٰهَ آبَائِكَ إِبْرَاهِيمَ وَإِسْمَاعِيلَ وَإِسْحَاقَ إِلَٰهًا وَاحِدًا وَنَحْنُ لَهُ مُسْلِمُونَ
(ऐ यहूद) क्या तुम उस वक्त मौजूद थे जब याकूब के सर पर मौत आ खड़ी हुईउस वक्त उन्होंने अपने बेटों से कहा कि मेरे बाद किसी की इबादत करोगे कहने लगे हम आप के माबूद और आप के बाप दादाओं इबराहीम व इस्माइल व इसहाक़ के माबूद व यकता खुदा की इबादत करेंगे और हम उसके फरमाबरदार हैं

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