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Surah Yunus Ayahs #71 Translated in Hindi

هُوَ الَّذِي جَعَلَ لَكُمُ اللَّيْلَ لِتَسْكُنُوا فِيهِ وَالنَّهَارَ مُبْصِرًا ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِقَوْمٍ يَسْمَعُونَ
वह वही (खुदाए क़ादिर तवाना) है जिसने तुम्हारे नफा के वास्ते रात को बनाया ताकि तुम इसमें चैन करो और दिन को (बनाया) कि उसकी रौशनी में देखो भालो उसमें शक़ नहीं जो लोग सुन लेते हैं उनके लिए इसमें (कुदरत की बहुतेरी निशानियाँ हैं)
قَالُوا اتَّخَذَ اللَّهُ وَلَدًا ۗ سُبْحَانَهُ ۖ هُوَ الْغَنِيُّ ۖ لَهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۚ إِنْ عِنْدَكُمْ مِنْ سُلْطَانٍ بِهَٰذَا ۚ أَتَقُولُونَ عَلَى اللَّهِ مَا لَا تَعْلَمُونَ
लोगों ने तो कह दिया कि ख़ुदा ने बेटा बना लिया-ये महज़ लगों वह तमाम नकायस से पाक व पाकीज़ा वह (हर तरह) से बेपरवाह हैं व जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (सब) उसी का है (जो कुछ) तुम कहते हो( उसकी कोई दलील तो तुम्हारे पास है नहीं क्या तुम ख़ुदा पर) (यू ही) बे जाने बूझे झूठ बोला करते हो
قُلْ إِنَّ الَّذِينَ يَفْتَرُونَ عَلَى اللَّهِ الْكَذِبَ لَا يُفْلِحُونَ
ऐ रसूल तुम कह दो कि बेशक जो लोग झूठ मूठ ख़ुदा पर बोहतान बाधते हैं वह कभी कामयाब न होगें
مَتَاعٌ فِي الدُّنْيَا ثُمَّ إِلَيْنَا مَرْجِعُهُمْ ثُمَّ نُذِيقُهُمُ الْعَذَابَ الشَّدِيدَ بِمَا كَانُوا يَكْفُرُونَ
(ये) दुनिया के (चन्द रोज़ा) फायदे हैं फिर तो आख़िर हमारी ही तरफ लौट कर आना है तब उनके कुफ्र की सज़ा में हम उनको सख्त अज़ाब के मज़े चखाएँगें
وَاتْلُ عَلَيْهِمْ نَبَأَ نُوحٍ إِذْ قَالَ لِقَوْمِهِ يَا قَوْمِ إِنْ كَانَ كَبُرَ عَلَيْكُمْ مَقَامِي وَتَذْكِيرِي بِآيَاتِ اللَّهِ فَعَلَى اللَّهِ تَوَكَّلْتُ فَأَجْمِعُوا أَمْرَكُمْ وَشُرَكَاءَكُمْ ثُمَّ لَا يَكُنْ أَمْرُكُمْ عَلَيْكُمْ غُمَّةً ثُمَّ اقْضُوا إِلَيَّ وَلَا تُنْظِرُونِ
और (ऐ रसूल) तुम उनके सामने नूह का हाल पढ़ दो जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा ऐ मेरी क़ौम अगर मेरा ठहरना और ख़ुदा की आयतों का चर्चा करना तुम पर शाक़ व गिरां (बुरा) गुज़रता है तो मैं सिर्फ ख़ुदा ही पर भरोसा रखता हूँ तो तुम और तुमहारे शरीक़ सब मिलकर अपना काम ठीक कर लो फिर तुम्हारी बात तुम (में से किसी) पर महज़ (छुपी) न रहे फिर (जो तुम्हारा जी चाहे) मेरे साथ कर गुज़रों और गुझे (दम मारने की भी) मोहलत न दो

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