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Surah An-Nahl Ayahs #27 Translated in Hindi

لَا جَرَمَ أَنَّ اللَّهَ يَعْلَمُ مَا يُسِرُّونَ وَمَا يُعْلِنُونَ ۚ إِنَّهُ لَا يُحِبُّ الْمُسْتَكْبِرِينَ
ये लोग जो कुछ छिपा कर करते हैं और जो कुछ ज़ाहिर बज़ाहिर करते हैं (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ज़रुर जानता है वह हरगिज़ तकब्बुर करने वालों को पसन्द नहीं करता
وَإِذَا قِيلَ لَهُمْ مَاذَا أَنْزَلَ رَبُّكُمْ ۙ قَالُوا أَسَاطِيرُ الْأَوَّلِينَ
और जब उनसे कहा जाता है कि तुम्हारे परवरदिगार ने क्या नाज़िल किया है तो वह कहते हैं कि (अजी कुछ भी नहीं बस) अगलो के किस्से हैं
لِيَحْمِلُوا أَوْزَارَهُمْ كَامِلَةً يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۙ وَمِنْ أَوْزَارِ الَّذِينَ يُضِلُّونَهُمْ بِغَيْرِ عِلْمٍ ۗ أَلَا سَاءَ مَا يَزِرُونَ
(उनको बकने दो ताकि क़यामत के दिन) अपने (गुनाहों) के पूरे बोझ और जिन लोगों को उन्होंने बे समझे बूझे गुमराह किया है उनके (गुनाहों के) बोझ भी उन्हीं को उठाने पड़ेगें ज़रा देखो तो कि ये लोग कैसा बुरा बोझ अपने ऊपर लादे चले जा रहें हैं
قَدْ مَكَرَ الَّذِينَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَأَتَى اللَّهُ بُنْيَانَهُمْ مِنَ الْقَوَاعِدِ فَخَرَّ عَلَيْهِمُ السَّقْفُ مِنْ فَوْقِهِمْ وَأَتَاهُمُ الْعَذَابُ مِنْ حَيْثُ لَا يَشْعُرُونَ
बेशक जो लोग उनसे पहले थे उन्होंने भी मक्कारियाँ की थीं तो (ख़ुदा का हुक्म) उनके ख्यालात की इमारत की जड़ की तरफ से आ पड़ा (पस फिर क्या था) इस ख्याली इमारत की छत उन पर उनके ऊपर से धम से गिर पड़ी (और सब ख्याल हवा हो गए) और जिधर से उन पर अज़ाब आ पहुँचा उसकी उनको ख़बर तक न थी
ثُمَّ يَوْمَ الْقِيَامَةِ يُخْزِيهِمْ وَيَقُولُ أَيْنَ شُرَكَائِيَ الَّذِينَ كُنْتُمْ تُشَاقُّونَ فِيهِمْ ۚ قَالَ الَّذِينَ أُوتُوا الْعِلْمَ إِنَّ الْخِزْيَ الْيَوْمَ وَالسُّوءَ عَلَى الْكَافِرِينَ
(फिर उसी पर इकतिफा नहीं) उसके बाद क़यामत के दिन ख़ुदा उनको रुसवा करेगा और फरमाएगा कि (अब बताओ) जिसको तुमने मेरा यशरीक बना रखा था और जिनके बारे में तुम (ईमानदारों से) झगड़ते थे कहाँ हैं (वह तो कुछ जवाब देगें नहीं मगर) जिन लोगों को (ख़ुदा की तरफ से) इल्म दिया गया है कहेगें कि आज के दिन रुसवाई और ख़राबी (सब कुछ) काफिरों पर ही है

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