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Surah Al-Baqara Ayah #74 Translated in Hindi

ثُمَّ قَسَتْ قُلُوبُكُمْ مِنْ بَعْدِ ذَٰلِكَ فَهِيَ كَالْحِجَارَةِ أَوْ أَشَدُّ قَسْوَةً ۚ وَإِنَّ مِنَ الْحِجَارَةِ لَمَا يَتَفَجَّرُ مِنْهُ الْأَنْهَارُ ۚ وَإِنَّ مِنْهَا لَمَا يَشَّقَّقُ فَيَخْرُجُ مِنْهُ الْمَاءُ ۚ وَإِنَّ مِنْهَا لَمَا يَهْبِطُ مِنْ خَشْيَةِ اللَّهِ ۗ وَمَا اللَّهُ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُونَ
ताकि तुम समझो फिर उसके बाद तुम्हारे दिल सख्त हो गये पस वह मिसल पत्थर के (सख्त) थे या उससे भी ज्यादा करख्त क्योंकि पत्थरों में बाज़ तो ऐसे होते हैं कि उनसे नहरें जारी हो जाती हैं और बाज़ ऐसे होते हैं कि उनमें दरार पड़ जाती है और उनमें से पानी निकल पड़ता है और बाज़ पत्थर तो ऐसे होते हैं कि खुदा के ख़ौफ से गिर पड़ते हैं और जो कुछ तुम कर रहे हो उससे खुदा ग़ाफिल नहीं है

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