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Surah Aal-E-Imran Ayahs #36 Translated in Hindi

قُلْ أَطِيعُوا اللَّهَ وَالرَّسُولَ ۖ فَإِنْ تَوَلَّوْا فَإِنَّ اللَّهَ لَا يُحِبُّ الْكَافِرِينَ
(ऐ रसूल) कह दो कि ख़ुदा और रसूल की फ़रमाबरदारी करो फिर अगर यह लोग उससे सरताबी करें तो (समझ लें कि) ख़ुदा काफ़िरों को हरगिज़ दोस्त नहीं रखता
إِنَّ اللَّهَ اصْطَفَىٰ آدَمَ وَنُوحًا وَآلَ إِبْرَاهِيمَ وَآلَ عِمْرَانَ عَلَى الْعَالَمِينَ
बेशक ख़ुदा ने आदम और नूह और ख़ानदाने इबराहीम और खानदाने इमरान को सारे जहान से बरगुज़ीदा किया है
ذُرِّيَّةً بَعْضُهَا مِنْ بَعْضٍ ۗ وَاللَّهُ سَمِيعٌ عَلِيمٌ
बाज़ की औलाद को बाज़ से और ख़ुदा (सबकी) सुनता (और सब कुछ) जानता है
إِذْ قَالَتِ امْرَأَتُ عِمْرَانَ رَبِّ إِنِّي نَذَرْتُ لَكَ مَا فِي بَطْنِي مُحَرَّرًا فَتَقَبَّلْ مِنِّي ۖ إِنَّكَ أَنْتَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ
(ऐ रसूल वह वक्त याद करो) जब इमरान की बीवी ने (ख़ुदा से) अर्ज़ की कि ऐ मेरे पालने वाले मेरे पेट में जो बच्चा है (उसको मैं दुनिया के काम से) आज़ाद करके तेरी नज़्र करती हूं तू मेरी तरफ़ से (ये नज़्र कुबूल फ़रमा तू बेशक बड़ा सुनने वाला और जानने वाला है
فَلَمَّا وَضَعَتْهَا قَالَتْ رَبِّ إِنِّي وَضَعْتُهَا أُنْثَىٰ وَاللَّهُ أَعْلَمُ بِمَا وَضَعَتْ وَلَيْسَ الذَّكَرُ كَالْأُنْثَىٰ ۖ وَإِنِّي سَمَّيْتُهَا مَرْيَمَ وَإِنِّي أُعِيذُهَا بِكَ وَذُرِّيَّتَهَا مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيمِ
फिर जब वह बेटी जन चुकी तो (हैरत से) कहने लगी ऐ मेरे परवरदिगार (मैं क्या करूं) मैं तो ये लड़की जनी हूँ और लड़का लड़की के ऐसा (गया गुज़रा) नहीं होता हालॉकि उसे कहने की ज़रूरत क्या थी जो वे जनी थी ख़ुदा उस (की शान व मरतबा) से खूब वाक़िफ़ था और मैंने उसका नाम मरियम रखा है और मैं उसको और उसकी औलाद को शैतान मरदूद (के फ़रेब) से तेरी पनाह में देती हूं

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