Quran Apps in many lanuages:

Surah Yusuf Ayahs #47 Translated in Hindi

وَقَالَ الْمَلِكُ إِنِّي أَرَىٰ سَبْعَ بَقَرَاتٍ سِمَانٍ يَأْكُلُهُنَّ سَبْعٌ عِجَافٌ وَسَبْعَ سُنْبُلَاتٍ خُضْرٍ وَأُخَرَ يَابِسَاتٍ ۖ يَا أَيُّهَا الْمَلَأُ أَفْتُونِي فِي رُؤْيَايَ إِنْ كُنْتُمْ لِلرُّؤْيَا تَعْبُرُونَ
और (इसी असना (बीच) में) बादशाह ने (भी ख्वाब देखा और) कहा मैने देखा है कि सात मोटी ताज़ी गाए हैं उनको सात दुबली पतली गाय खाए जाती हैं और सात ताज़ी सब्ज़ बालियॉ (देखीं) और फिर (सात) सूखी बालियॉ ऐ (मेरे दरबार के) सरदारों अगर तुम लोगों को ख्वाब की ताबीर देनी आती हो तो मेरे (इस) ख्वाब के बारे में हुक्म लगाओ
قَالُوا أَضْغَاثُ أَحْلَامٍ ۖ وَمَا نَحْنُ بِتَأْوِيلِ الْأَحْلَامِ بِعَالِمِينَ
उन लोगों ने अर्ज़ की कि ये तो (कुछ) ख्वाब परेशॉ (सा) है और हम लोग ऐसे ख्वाब (परेशॉ) की ताबीर तो नहीं जानते हैं
وَقَالَ الَّذِي نَجَا مِنْهُمَا وَادَّكَرَ بَعْدَ أُمَّةٍ أَنَا أُنَبِّئُكُمْ بِتَأْوِيلِهِ فَأَرْسِلُونِ
और जिसने उन दोनों में से रिहाई पाई थी (साकी) और उसको एक ज़माने के बाद (यूसुफ का क़िस्सा) याद आया बोल उठा कि मुझे (क़ैद ख़ाने तक) जाने दीजिए तो मैं उसकी ताबीर बताए देता हूँ
يُوسُفُ أَيُّهَا الصِّدِّيقُ أَفْتِنَا فِي سَبْعِ بَقَرَاتٍ سِمَانٍ يَأْكُلُهُنَّ سَبْعٌ عِجَافٌ وَسَبْعِ سُنْبُلَاتٍ خُضْرٍ وَأُخَرَ يَابِسَاتٍ لَعَلِّي أَرْجِعُ إِلَى النَّاسِ لَعَلَّهُمْ يَعْلَمُونَ
(ग़रज़ वह गया और यूसुफ से कहने लगा) ऐ यूसुफ ऐ बड़े सच्चे (यूसुफ) ज़रा हमें ये तो बताइए कि सात मोटी ताज़ी गायों को सात पतली गाय खाए जाती है और सात बालियॉ हैं हरी कचवा और फिर (सात) सूखी मुरझाई (इसकी ताबीर क्या है) तो मैं लोगों के पास पलट कर जाऊँ (और बयान करुँ)
قَالَ تَزْرَعُونَ سَبْعَ سِنِينَ دَأَبًا فَمَا حَصَدْتُمْ فَذَرُوهُ فِي سُنْبُلِهِ إِلَّا قَلِيلًا مِمَّا تَأْكُلُونَ
ताकि उनको भी (तुम्हारी क़दर) मालूम हो जाए यूसुफ ने कहा (इसकी ताबीर ये है) कि तुम लोग लगातार सात बरस काश्तकारी करते रहोगे तो जो (फसल) तुम काटो उस (के दाने) को बालियों में रहने देना (छुड़ाना नहीं) मगर थोड़ा (बहुत) जो तुम खुद खाओ

Choose other languages: