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Surah Yusuf Ayahs #23 Translated in Hindi

وَجَاءَتْ سَيَّارَةٌ فَأَرْسَلُوا وَارِدَهُمْ فَأَدْلَىٰ دَلْوَهُ ۖ قَالَ يَا بُشْرَىٰ هَٰذَا غُلَامٌ ۚ وَأَسَرُّوهُ بِضَاعَةً ۚ وَاللَّهُ عَلِيمٌ بِمَا يَعْمَلُونَ
और (ख़ुदा की शान देखो) एक काफ़ला (वहाँ) आकर उतरा उन लोगों ने अपने सक्के (पानी भरने वाले) को (पानी भरने) भेजा ग़रज़ उसने अपना डोल डाला ही था (कि यूसुफ उसमें बैठे और उसने ख़ीचा तो निकल आए) वह पुकारा आहा ये तो लड़का है और काफला वालो ने यूसुफ को क़ीमती सरमाया समझकर छिपा रखा हालॉकि जो कुछ ये लोग करते थे ख़ुदा उससे ख़ूब वाकिफ था
وَشَرَوْهُ بِثَمَنٍ بَخْسٍ دَرَاهِمَ مَعْدُودَةٍ وَكَانُوا فِيهِ مِنَ الزَّاهِدِينَ
(जब यूसुफ के भाइयों को ख़बर लगी तो आ पहुँचे और उनको अपना ग़ुलाम बताया और उन लोगों ने यूसुफ को गिनती के खोटे चन्द दरहम (बहुत थोड़े दाम पर बेच डाला) और वह लोग तो यूसुफ से बेज़ार हो ही रहे थे
وَقَالَ الَّذِي اشْتَرَاهُ مِنْ مِصْرَ لِامْرَأَتِهِ أَكْرِمِي مَثْوَاهُ عَسَىٰ أَنْ يَنْفَعَنَا أَوْ نَتَّخِذَهُ وَلَدًا ۚ وَكَذَٰلِكَ مَكَّنَّا لِيُوسُفَ فِي الْأَرْضِ وَلِنُعَلِّمَهُ مِنْ تَأْوِيلِ الْأَحَادِيثِ ۚ وَاللَّهُ غَالِبٌ عَلَىٰ أَمْرِهِ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ
(यूसुफ को लेकर मिस्र पहुँचे और वहाँ उसे बड़े नफे में बेच डाला) और मिस्र के लोगों से (अज़ीजे मिस्र) जिसने (उनको ख़रीदा था अपनी बीवी (ज़ुलेख़ा) से कहने लगा इसको इज्ज़त व आबरु से रखो अजब नहीं ये हमें कुछ नफा पहुँचाए या (शायद) इसको अपना बेटा ही बना लें और यू हमने यूसुफ को मुल्क (मिस्र) में (जगह देकर) क़ाबिज़ बनाया और ग़रज़ ये थी कि हमने उसे ख्वाब की बातों की ताबीर सिखायी और ख़ुदा तो अपने काम पर (हर तरह के) ग़ालिब व क़ादिर है मगर बहुतेरे लोग (उसको) नहीं जानते
وَلَمَّا بَلَغَ أَشُدَّهُ آتَيْنَاهُ حُكْمًا وَعِلْمًا ۚ وَكَذَٰلِكَ نَجْزِي الْمُحْسِنِينَ
और जब यूसुफ अपनी जवानी को पहुँचे तो हमने उनको हुक्म (नुबूवत) और इल्म अता किया और नेकी कारों को हम यूँ ही बदला दिया करते हैं
وَرَاوَدَتْهُ الَّتِي هُوَ فِي بَيْتِهَا عَنْ نَفْسِهِ وَغَلَّقَتِ الْأَبْوَابَ وَقَالَتْ هَيْتَ لَكَ ۚ قَالَ مَعَاذَ اللَّهِ ۖ إِنَّهُ رَبِّي أَحْسَنَ مَثْوَايَ ۖ إِنَّهُ لَا يُفْلِحُ الظَّالِمُونَ
और जिस औरत ज़ुलेखा के घर में यूसुफ रहते थे उसने अपने (नाजायज़) मतलब हासिल करने के लिए ख़ुद उनसे आरज़ू की और सब दरवाज़े बन्द कर दिए और (बे ताना) कहने लगी लो आओ यूसुफ ने कहा माज़अल्लाह वह (तुम्हारे मियाँ) मेरा मालिक हैं उन्होंने मुझे अच्छी तरह रखा है मै ऐसा ज़ुल्म क्यों कर सकता हूँ बेशक ऐसा ज़ुल्म करने वाले फलाह नहीं पाते

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