Quran Apps in many lanuages:

Surah At-Tawba Ayahs #15 Translated in Hindi

فَإِنْ تَابُوا وَأَقَامُوا الصَّلَاةَ وَآتَوُا الزَّكَاةَ فَإِخْوَانُكُمْ فِي الدِّينِ ۗ وَنُفَصِّلُ الْآيَاتِ لِقَوْمٍ يَعْلَمُونَ
तो अगर (अभी मुशरिक से) तौबा करें और नमाज़ पढ़ने लगें और ज़कात दें तो तुम्हारे दीनी भाई हैं और हम अपनी आयतों को वाक़िफकार लोगों के वास्ते तफ़सीलन बयान करते हैं
وَإِنْ نَكَثُوا أَيْمَانَهُمْ مِنْ بَعْدِ عَهْدِهِمْ وَطَعَنُوا فِي دِينِكُمْ فَقَاتِلُوا أَئِمَّةَ الْكُفْرِ ۙ إِنَّهُمْ لَا أَيْمَانَ لَهُمْ لَعَلَّهُمْ يَنْتَهُونَ
और अगर ये लोग एहद कर चुकने के बाद अपनी क़समें तोड़ डालें और तुम्हारे दीन में तुमको ताना दें तो तुम कुफ्र के सरवर आवारा लोगों से खूब लड़ाई करो उनकी क़समें का हरगिज़ कोई एतबार नहीं ताकि ये लोग (अपनी शरारत से) बाज़ आएँ
أَلَا تُقَاتِلُونَ قَوْمًا نَكَثُوا أَيْمَانَهُمْ وَهَمُّوا بِإِخْرَاجِ الرَّسُولِ وَهُمْ بَدَءُوكُمْ أَوَّلَ مَرَّةٍ ۚ أَتَخْشَوْنَهُمْ ۚ فَاللَّهُ أَحَقُّ أَنْ تَخْشَوْهُ إِنْ كُنْتُمْ مُؤْمِنِينَ
(मुसलमानों) भला तुम उन लोगों से क्यों नहीं लड़ते जिन्होंने अपनी क़समों को तोड़ डाला और रसूल को निकाल बाहर करना (अपने दिल में) ठान लिया था और तुमसे पहले छेड़ भी उन्होनें ही शुरू की थी क्या तुम उनसे डरते हो तो अगर तुम सच्चे ईमानदार हो तो ख़ुदा उनसे कहीं बढ़ कर तुम्हारे डरने के क़ाबिल है
قَاتِلُوهُمْ يُعَذِّبْهُمُ اللَّهُ بِأَيْدِيكُمْ وَيُخْزِهِمْ وَيَنْصُرْكُمْ عَلَيْهِمْ وَيَشْفِ صُدُورَ قَوْمٍ مُؤْمِنِينَ
इनसे (बेख़ौफ (ख़तर) लड़ो ख़ुदा तुम्हारे हाथों उनकी सज़ा करेगा और उन्हें रूसवा करेगा और तुम्हें उन पर फतेह अता करेगा और ईमानदार लोगों के कलेजे ठन्डे करेगा
وَيُذْهِبْ غَيْظَ قُلُوبِهِمْ ۗ وَيَتُوبُ اللَّهُ عَلَىٰ مَنْ يَشَاءُ ۗ وَاللَّهُ عَلِيمٌ حَكِيمٌ
और उन मोनिनीन के दिल की क़ुदरतें जो (कुफ्फ़ार से पहुचॅती है) दफ़ा कर देगा और ख़ुदा जिसकी चाहे तौबा क़ुबूल करे और ख़ुदा बड़ा वाक़िफकार (और) हिकमत वाला है

Choose other languages: