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Surah As-Saaffat Ayahs #158 Translated in Hindi

مَا لَكُمْ كَيْفَ تَحْكُمُونَ
(अरे कम्बख्तों) तुम्हें क्या जुनून हो गया है तुम लोग (बैठे-बैठे) कैसा फैसला करते हो
أَفَلَا تَذَكَّرُونَ
तो क्या तुम (इतना भी) ग़ौर नहीं करते
أَمْ لَكُمْ سُلْطَانٌ مُبِينٌ
या तुम्हारे पास (इसकी) कोई वाज़ेए व रौशन दलील है
فَأْتُوا بِكِتَابِكُمْ إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ
तो अगर तुम (अपने दावे में) सच्चे हो तो अपनी किताब पेश करो
وَجَعَلُوا بَيْنَهُ وَبَيْنَ الْجِنَّةِ نَسَبًا ۚ وَلَقَدْ عَلِمَتِ الْجِنَّةُ إِنَّهُمْ لَمُحْضَرُونَ
और उन लोगों ने खुदा और जिन्नात के दरमियान रिश्ता नाता मुक़र्रर किया है हालाँकि जिन्नात बखूबी जानते हैं कि वह लोग यक़ीनी (क़यामत में बन्दों की तरह) हाज़िर किए जाएँगे

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