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Surah As-Saaffat Ayahs #161 Translated in Hindi

فَأْتُوا بِكِتَابِكُمْ إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ
तो अगर तुम (अपने दावे में) सच्चे हो तो अपनी किताब पेश करो
وَجَعَلُوا بَيْنَهُ وَبَيْنَ الْجِنَّةِ نَسَبًا ۚ وَلَقَدْ عَلِمَتِ الْجِنَّةُ إِنَّهُمْ لَمُحْضَرُونَ
और उन लोगों ने खुदा और जिन्नात के दरमियान रिश्ता नाता मुक़र्रर किया है हालाँकि जिन्नात बखूबी जानते हैं कि वह लोग यक़ीनी (क़यामत में बन्दों की तरह) हाज़िर किए जाएँगे
سُبْحَانَ اللَّهِ عَمَّا يَصِفُونَ
ये लोग जो बातें बनाया करते हैं इनसे खुदा पाक साफ़ है
إِلَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ
मगर खुदा के निरे खरे बन्दे (ऐसा नहीं कहते)
فَإِنَّكُمْ وَمَا تَعْبُدُونَ
ग़रज़ तुम लोग खुद और तुम्हारे माबूद

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