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Surah An-Nahl Ayahs #84 Translated in Hindi

وَاللَّهُ جَعَلَ لَكُمْ مِنْ بُيُوتِكُمْ سَكَنًا وَجَعَلَ لَكُمْ مِنْ جُلُودِ الْأَنْعَامِ بُيُوتًا تَسْتَخِفُّونَهَا يَوْمَ ظَعْنِكُمْ وَيَوْمَ إِقَامَتِكُمْ ۙ وَمِنْ أَصْوَافِهَا وَأَوْبَارِهَا وَأَشْعَارِهَا أَثَاثًا وَمَتَاعًا إِلَىٰ حِينٍ
और ख़ुदा ही ने तुम्हारे घरों को तुम्हारा ठिकाना क़रार दिया और उसी ने तुम्हारे वास्ते चौपायों की खालों से तुम्हारे लिए (हलके फुलके) डेरे (ख़ेमे) बना जिन्हें तुम हलका पाकर अपने सफर और हजर (ठहरने) में काम लाते हो और इन चारपायों की ऊन और रुई और बालो से एक वक्त ख़ास (क़यामत तक) के लिए तुम्हारे बहुत से असबाब और अबकार आमद (काम की) चीज़े बनाई
وَاللَّهُ جَعَلَ لَكُمْ مِمَّا خَلَقَ ظِلَالًا وَجَعَلَ لَكُمْ مِنَ الْجِبَالِ أَكْنَانًا وَجَعَلَ لَكُمْ سَرَابِيلَ تَقِيكُمُ الْحَرَّ وَسَرَابِيلَ تَقِيكُمْ بَأْسَكُمْ ۚ كَذَٰلِكَ يُتِمُّ نِعْمَتَهُ عَلَيْكُمْ لَعَلَّكُمْ تُسْلِمُونَ
और ख़ुदा ही ने तुम्हारे आराम के लिए अपनी पैदा की हुईचीज़ों के साए बनाए और उसी ने तुम्हारे (छिपने बैठने) के वास्ते पहाड़ों में घरौन्दे (ग़ार वग़ैरह) बनाए और उसी ने तुम्हारे लिए कपड़े बनाए जो तुम्हें (सर्दी) गर्मी से महफूज़ रखें और (लोहे) के कुर्ते जो तुम्हें हाथियों की ज़द (मार) से बचा लंग़ यूँ ख़ुदा अपनी नेअमत तुम पर पूरी करता है
فَإِنْ تَوَلَّوْا فَإِنَّمَا عَلَيْكَ الْبَلَاغُ الْمُبِينُ
तुम उसकी फरमाबरदारी करो उस पर भी अगर ये लोग (ईमान से) मुँह फेरे तो तुम्हारा फर्ज सिर्फ (एहकाम का) साफ पहुँचा देना है
يَعْرِفُونَ نِعْمَتَ اللَّهِ ثُمَّ يُنْكِرُونَهَا وَأَكْثَرُهُمُ الْكَافِرُونَ
(बस) ये लोग ख़ुदा की नेअमतों को पहचानते हैं फिर (जानबुझ कर) उनसे मुकर जाते हैं और इन्हीं में से बहुतेरे नाशुक्रे हैं
وَيَوْمَ نَبْعَثُ مِنْ كُلِّ أُمَّةٍ شَهِيدًا ثُمَّ لَا يُؤْذَنُ لِلَّذِينَ كَفَرُوا وَلَا هُمْ يُسْتَعْتَبُونَ
और जिस दिन हम एक उम्मत में से (उसके पैग़म्बरों को) गवाह बनाकर क़ब्रों से उठा खड़ा करेगे फिर तो काफिरों को न (बात करने की) इजाज़त दी जाएगी और न उनका उज्र (जवाब) ही सुना जाएगा

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