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Surah Al-Maeda Ayah #117 Translated in Hindi

مَا قُلْتُ لَهُمْ إِلَّا مَا أَمَرْتَنِي بِهِ أَنِ اعْبُدُوا اللَّهَ رَبِّي وَرَبَّكُمْ ۚ وَكُنْتُ عَلَيْهِمْ شَهِيدًا مَا دُمْتُ فِيهِمْ ۖ فَلَمَّا تَوَفَّيْتَنِي كُنْتَ أَنْتَ الرَّقِيبَ عَلَيْهِمْ ۚ وَأَنْتَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ شَهِيدٌ
तूने मुझे जो कुछ हुक्म दिया उसके सिवा तो मैने उनसे कुछ भी नहीं कहा यही कि ख़ुदा ही की इबादत करो जो मेरा और तुम्हारा सबका पालने वाला है और जब तक मैं उनमें रहा उन की देखभाल करता रहा फिर जब तूने मुझे (दुनिया से) उठा लिया तो तू ही उनका निगेहबान था और तू तो ख़ुद हर चीज़ का गवाह (मौजूद) है

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