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Surah Al-Baqara Ayahs #54 Translated in Hindi

وَإِذْ فَرَقْنَا بِكُمُ الْبَحْرَ فَأَنْجَيْنَاكُمْ وَأَغْرَقْنَا آلَ فِرْعَوْنَ وَأَنْتُمْ تَنْظُرُونَ
और (वह वक्त भी याद करो) जब हमने तुम्हारे लिए दरिया को टुकड़े-टुकड़े किया फिर हमने तुमको छुटकारा दिया
وَإِذْ وَاعَدْنَا مُوسَىٰ أَرْبَعِينَ لَيْلَةً ثُمَّ اتَّخَذْتُمُ الْعِجْلَ مِنْ بَعْدِهِ وَأَنْتُمْ ظَالِمُونَ
और फिरऔन के आदमियों को तुम्हारे देखते-देखते डुबो दिया और (वह वक्त भी याद करो) जब हमने मूसा से चालीस रातों का वायदा किया था और तुम लोगों ने उनके जाने के बाद एक बछड़े को (परसतिश के लिए खुदा) बना लिया
ثُمَّ عَفَوْنَا عَنْكُمْ مِنْ بَعْدِ ذَٰلِكَ لَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ
हालाँकि तुम अपने ऊपर ज़ुल्म जोत रहे थे फिर हमने उसके बाद भी दरगुज़र की ताकि तुम शुक्र करो
وَإِذْ آتَيْنَا مُوسَى الْكِتَابَ وَالْفُرْقَانَ لَعَلَّكُمْ تَهْتَدُونَ
और (वह वक्त भी याद करो) जब मूसा को (तौरेत) अता की और हक़ और बातिल को जुदा करनेवाला क़ानून (इनायत किया) ताके तुम हिदायत पाओ
وَإِذْ قَالَ مُوسَىٰ لِقَوْمِهِ يَا قَوْمِ إِنَّكُمْ ظَلَمْتُمْ أَنْفُسَكُمْ بِاتِّخَاذِكُمُ الْعِجْلَ فَتُوبُوا إِلَىٰ بَارِئِكُمْ فَاقْتُلُوا أَنْفُسَكُمْ ذَٰلِكُمْ خَيْرٌ لَكُمْ عِنْدَ بَارِئِكُمْ فَتَابَ عَلَيْكُمْ ۚ إِنَّهُ هُوَ التَّوَّابُ الرَّحِيمُ
और (वह वक्त भी याद करो) जब मूसा ने अपनी क़ौम से कहा कि ऐ मेरी क़ौम तुमने बछड़े को (ख़ुदा) बना के अपने ऊपर बड़ा सख्त जुल्म किया तो अब (इसके सिवा कोई चारा नहीं कि) तुम अपने ख़ालिक की बारगाह में तौबा करो और वह ये है कि अपने को क़त्ल कर डालो तुम्हारे परवरदिगार के नज़दीक तुम्हारे हक़ में यही बेहतर है, फिर जब तुमने ऐसा किया तो खुदा ने तुम्हारी तौबा क़ुबूल कर ली बेशक वह बड़ा मेहरबान माफ़ करने वाला है

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