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Surah Al-Baqara Ayahs #155 Translated in Hindi

كَمَا أَرْسَلْنَا فِيكُمْ رَسُولًا مِنْكُمْ يَتْلُو عَلَيْكُمْ آيَاتِنَا وَيُزَكِّيكُمْ وَيُعَلِّمُكُمُ الْكِتَابَ وَالْحِكْمَةَ وَيُعَلِّمُكُمْ مَا لَمْ تَكُونُوا تَعْلَمُونَ
और तीसरा फायदा ये है ताकि तुम हिदायत पाओ मुसलमानों ये एहसान भी वैसा ही है जैसे हम ने तुम में तुम ही में का एक रसूल भेजा जो तुमको हमारी आयतें पढ़ कर सुनाए और तुम्हारे नफ्स को पाकीज़ा करे और तुम्हें किताब क़ुरान और अक्ल की बातें सिखाए और तुम को वह बातें बतांए जिन की तुम्हें पहले से खबर भी न थी
فَاذْكُرُونِي أَذْكُرْكُمْ وَاشْكُرُوا لِي وَلَا تَكْفُرُونِ
पस तुम हमारी याद रखो तो मै भी तुम्हारा ज़िक्र (खैर) किया करुगाँ और मेरा शुक्रिया अदा करते रहो और नाशुक्री न करो
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا اسْتَعِينُوا بِالصَّبْرِ وَالصَّلَاةِ ۚ إِنَّ اللَّهَ مَعَ الصَّابِرِينَ
ऐ ईमानदारों मुसीबत के वक्त सब्र और नमाज़ के ज़रिए से ख़ुदा की मदद माँगों बेशक ख़ुदा सब्र करने वालों ही का साथी है
وَلَا تَقُولُوا لِمَنْ يُقْتَلُ فِي سَبِيلِ اللَّهِ أَمْوَاتٌ ۚ بَلْ أَحْيَاءٌ وَلَٰكِنْ لَا تَشْعُرُونَ
और जो लोग ख़ुदा की राह में मारे गए उन्हें कभी मुर्दा न कहना बल्कि वह लोग ज़िन्दा हैं मगर तुम उनकी ज़िन्दगी की हक़ीकत का कुछ भी शऊर नहीं रखते
وَلَنَبْلُوَنَّكُمْ بِشَيْءٍ مِنَ الْخَوْفِ وَالْجُوعِ وَنَقْصٍ مِنَ الْأَمْوَالِ وَالْأَنْفُسِ وَالثَّمَرَاتِ ۗ وَبَشِّرِ الصَّابِرِينَ
और हम तुम्हें कुछ खौफ़ और भूख से और मालों और जानों और फलों की कमी से ज़रुर आज़माएगें और (ऐ रसूल) ऐसे सब्र करने वालों को ख़ुशख़बरी दे दो

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