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Surah Yunus Ayahs #98 Translated in Hindi

فَإِنْ كُنْتَ فِي شَكٍّ مِمَّا أَنْزَلْنَا إِلَيْكَ فَاسْأَلِ الَّذِينَ يَقْرَءُونَ الْكِتَابَ مِنْ قَبْلِكَ ۚ لَقَدْ جَاءَكَ الْحَقُّ مِنْ رَبِّكَ فَلَا تَكُونَنَّ مِنَ الْمُمْتَرِينَ
पस जो कुरान हमने तुम्हारी तरफ नाज़िल किया है अगर उसके बारे में तुम को कुछ शक़ हो तो जो लोग तुम से पहले से किताब (ख़ुदा) पढ़ा करते हैं उन से पूछ के देखों तुम्हारे पास यक़ीनन तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से बरहक़ किताब आ चुकी तो तू न हरगिज़ शक़ करने वालों से होना
وَلَا تَكُونَنَّ مِنَ الَّذِينَ كَذَّبُوا بِآيَاتِ اللَّهِ فَتَكُونَ مِنَ الْخَاسِرِينَ
न उन लोगों से होना जिन्होंने ख़ुदा की आयतों को झुठलाया (वरना) तुम भी घाटा उठाने वालों से हो जाओगे
إِنَّ الَّذِينَ حَقَّتْ عَلَيْهِمْ كَلِمَتُ رَبِّكَ لَا يُؤْمِنُونَ
(ऐ रसूल) इसमें शक़ नहीं कि जिन लोगों के बारे में तुम्हारे परवरदिगार को बातें पूरी उतर चुकी हैं (कि ये मुस्तहके अज़ाब हैं)
وَلَوْ جَاءَتْهُمْ كُلُّ آيَةٍ حَتَّىٰ يَرَوُا الْعَذَابَ الْأَلِيمَ
वह लोग जब तक दर्दनाक अज़ाब देख (न) लेगें ईमान न लाएंगें अगरचे इनके सामने सारी (ख़ुदाई के) मौजिज़े आ मौजूद हो
فَلَوْلَا كَانَتْ قَرْيَةٌ آمَنَتْ فَنَفَعَهَا إِيمَانُهَا إِلَّا قَوْمَ يُونُسَ لَمَّا آمَنُوا كَشَفْنَا عَنْهُمْ عَذَابَ الْخِزْيِ فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا وَمَتَّعْنَاهُمْ إِلَىٰ حِينٍ
कोई बस्ती ऐसी क्यों न हुई कि ईमान क़ुबूल करती तो उसको उसका ईमान फायदे मन्द होता हाँ यूनूस की क़ौम जब (अज़ाब देख कर) ईमान लाई तो हमने दुनिया की (चन्द रोज़ा) ज़िन्दगी में उनसे रुसवाई का अज़ाब दफा कर दिया और हमने उन्हें एक ख़ास वक्त तक चैन करने दिया

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