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Surah Yunus Ayahs #49 Translated in Hindi

وَيَوْمَ يَحْشُرُهُمْ كَأَنْ لَمْ يَلْبَثُوا إِلَّا سَاعَةً مِنَ النَّهَارِ يَتَعَارَفُونَ بَيْنَهُمْ ۚ قَدْ خَسِرَ الَّذِينَ كَذَّبُوا بِلِقَاءِ اللَّهِ وَمَا كَانُوا مُهْتَدِينَ
और जिस दिन ख़ुदा इन लोगों को (अपनी बारगाह में) जमा करेगा तो गोया ये लोग (समझेगें कि दुनिया में) बस घड़ी दिन भर ठहरे और आपस में एक दूसरे को पहचानेंगे जिन लोगों ने ख़ुदा की बारगाह में हाज़िर होने को झुठलाया वह ज़रुर घाटे में हैं और हिदायत याफता न थे
وَإِمَّا نُرِيَنَّكَ بَعْضَ الَّذِي نَعِدُهُمْ أَوْ نَتَوَفَّيَنَّكَ فَإِلَيْنَا مَرْجِعُهُمْ ثُمَّ اللَّهُ شَهِيدٌ عَلَىٰ مَا يَفْعَلُونَ
ऐ रसूल हम जिस जिस (अज़ाब) का उनसे वायदा कर चुके हैं उनमें से बाज़ ख्वाहा तुम्हें दिखा दें या तुमको (पहले ही दुनिया से) उठा ले फिर (आख़िर) तो उन सबको हमारी तरफ लौटना ही है फिर जो कुछ ये लोग कर रहे हैं ख़ुदा तो उस पर गवाह ही है
وَلِكُلِّ أُمَّةٍ رَسُولٌ ۖ فَإِذَا جَاءَ رَسُولُهُمْ قُضِيَ بَيْنَهُمْ بِالْقِسْطِ وَهُمْ لَا يُظْلَمُونَ
और हर उम्मत का ख़ास (एक) एक रसूल हुआ है फिर जब उनका रसूल (हमारी बारगाह में) आएगा तो उनके दरमियान इन्साफ़ के साथ फैसला कर दिया जाएगा और उन पर ज़र्रा बराबर ज़ुल्म न किया जाएगा
وَيَقُولُونَ مَتَىٰ هَٰذَا الْوَعْدُ إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ
ये लोग कहा करते हैं कि अगर तुम सच्चे हो तो (आख़िर) ये (अज़ाब का वायदा) कब पूरा होगा
قُلْ لَا أَمْلِكُ لِنَفْسِي ضَرًّا وَلَا نَفْعًا إِلَّا مَا شَاءَ اللَّهُ ۗ لِكُلِّ أُمَّةٍ أَجَلٌ ۚ إِذَا جَاءَ أَجَلُهُمْ فَلَا يَسْتَأْخِرُونَ سَاعَةً ۖ وَلَا يَسْتَقْدِمُونَ
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मै खुद अपने वास्ते नुकसान पर क़ादिर हूँ न नफा पर मगर जो ख़ुदा चाहे हर उम्मत (के रहने) का (उसके इल्म में) एक वक्त मुक़र्रर है-जब उन का वक्त आ जाता है तो न एक घड़ी पीछे हट सकती हैं और न आगे बढ़ सकते हैं

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