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Surah Muhammad Ayahs #27 Translated in Hindi

أُولَٰئِكَ الَّذِينَ لَعَنَهُمُ اللَّهُ فَأَصَمَّهُمْ وَأَعْمَىٰ أَبْصَارَهُمْ
और (गोया ख़ुद उसने) उन (के कानों) को बहरा और ऑंखों को अंधा कर दिया है
أَفَلَا يَتَدَبَّرُونَ الْقُرْآنَ أَمْ عَلَىٰ قُلُوبٍ أَقْفَالُهَا
तो क्या लोग क़ुरान में (ज़रा भी) ग़ौर नहीं करते या (उनके) दिलों पर ताले लगे हुए हैं
إِنَّ الَّذِينَ ارْتَدُّوا عَلَىٰ أَدْبَارِهِمْ مِنْ بَعْدِ مَا تَبَيَّنَ لَهُمُ الْهُدَى ۙ الشَّيْطَانُ سَوَّلَ لَهُمْ وَأَمْلَىٰ لَهُمْ
बेशक जो लोग राहे हिदायत साफ़ साफ़ मालूम होने के बाद उलटे पाँव (कुफ़्र की तरफ) फिर गये शैतान ने उन्हें (बुते देकर) ढील दे रखी है और उनकी (तमन्नाओं) की रस्सियाँ दराज़ कर दी हैं
ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمْ قَالُوا لِلَّذِينَ كَرِهُوا مَا نَزَّلَ اللَّهُ سَنُطِيعُكُمْ فِي بَعْضِ الْأَمْرِ ۖ وَاللَّهُ يَعْلَمُ إِسْرَارَهُمْ
यह इसलिए जो लोग ख़ुदा की नाज़िल की हुई(किताब) से बेज़ार हैं ये उनसे कहते हैं कि बाज़ कामों में हम तुम्हारी ही बात मानेंगे और ख़ुदा उनके पोशीदा मशवरों से वाक़िफ है
فَكَيْفَ إِذَا تَوَفَّتْهُمُ الْمَلَائِكَةُ يَضْرِبُونَ وُجُوهَهُمْ وَأَدْبَارَهُمْ
तो जब फ़रिश्तें उनकी जान निकालेंगे उस वक्त उनका क्या हाल होगा कि उनके चेहरों पर और उनकी पुश्त पर मारते जाएँगे

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