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Surah Muhammad Ayahs #30 Translated in Hindi

ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمْ قَالُوا لِلَّذِينَ كَرِهُوا مَا نَزَّلَ اللَّهُ سَنُطِيعُكُمْ فِي بَعْضِ الْأَمْرِ ۖ وَاللَّهُ يَعْلَمُ إِسْرَارَهُمْ
यह इसलिए जो लोग ख़ुदा की नाज़िल की हुई(किताब) से बेज़ार हैं ये उनसे कहते हैं कि बाज़ कामों में हम तुम्हारी ही बात मानेंगे और ख़ुदा उनके पोशीदा मशवरों से वाक़िफ है
فَكَيْفَ إِذَا تَوَفَّتْهُمُ الْمَلَائِكَةُ يَضْرِبُونَ وُجُوهَهُمْ وَأَدْبَارَهُمْ
तो जब फ़रिश्तें उनकी जान निकालेंगे उस वक्त उनका क्या हाल होगा कि उनके चेहरों पर और उनकी पुश्त पर मारते जाएँगे
ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمُ اتَّبَعُوا مَا أَسْخَطَ اللَّهَ وَكَرِهُوا رِضْوَانَهُ فَأَحْبَطَ أَعْمَالَهُمْ
ये इस सबब से कि जिस चीज़ों से ख़ुदा नाख़ुश है उसकी तो ये लोग पैरवी करते हैं और जिसमें ख़ुदा की ख़ुशी है उससे बेज़ार हैं तो ख़ुदा ने भी उनकी कारस्तानियों को अकारत कर दिया
أَمْ حَسِبَ الَّذِينَ فِي قُلُوبِهِمْ مَرَضٌ أَنْ لَنْ يُخْرِجَ اللَّهُ أَضْغَانَهُمْ
क्या वह लोग जिनके दिलों में (नेफ़ाक़ का) मर्ज़ है ये ख्याल करते हैं कि ख़ुदा दिल के कीनों को भी न ज़ाहिर करेगा
وَلَوْ نَشَاءُ لَأَرَيْنَاكَهُمْ فَلَعَرَفْتَهُمْ بِسِيمَاهُمْ ۚ وَلَتَعْرِفَنَّهُمْ فِي لَحْنِ الْقَوْلِ ۚ وَاللَّهُ يَعْلَمُ أَعْمَالَكُمْ
तो हम चाहते तो हम तुम्हें इन लोगों को दिखा देते तो तुम उनकी पेशानी ही से उनको पहचान लेते अगर तुम उन्हें उनके अन्दाज़े गुफ्तगू ही से ज़रूर पहचान लोगे और ख़ुदा तो तुम्हारे आमाल से वाक़िफ है

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