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Surah At-Tawba Ayahs #68 Translated in Hindi

يَحْذَرُ الْمُنَافِقُونَ أَنْ تُنَزَّلَ عَلَيْهِمْ سُورَةٌ تُنَبِّئُهُمْ بِمَا فِي قُلُوبِهِمْ ۚ قُلِ اسْتَهْزِئُوا إِنَّ اللَّهَ مُخْرِجٌ مَا تَحْذَرُونَ
जिसमें वह हमेशा (जलता भुनता) रहेगा यही तो बड़ी रूसवाई है मुनाफेक़ीन इस बात से डरतें हैं कि (कहीं ऐसा न हो) इन मुलसमानों पर (रसूल की माअरफ़त) कोई सूरा नाज़िल हो जाए जो उनको जो कुछ उन मुनाफिक़ीन के दिल में है बता दे (ऐ रसूल) तुम कह दो कि (अच्छा) तुम मसख़रापन किए जाओ
وَلَئِنْ سَأَلْتَهُمْ لَيَقُولُنَّ إِنَّمَا كُنَّا نَخُوضُ وَنَلْعَبُ ۚ قُلْ أَبِاللَّهِ وَآيَاتِهِ وَرَسُولِهِ كُنْتُمْ تَسْتَهْزِئُونَ
जिससे तुम डरते हो ख़ुदा उसे ज़रूर ज़ाहिर कर देगा और अगर तुम उनसे पूछो (कि ये हरकत थी) तो ज़रूर यूं ही कहेगें कि हम तो यूं ही बातचीत (दिल्लगी) बाज़ी ही कर रहे थे तुम कहो कि हाए क्या तुम ख़ुदा से और उसकी आयतों से और उसके रसूल से हॅसी कर रहे थे
لَا تَعْتَذِرُوا قَدْ كَفَرْتُمْ بَعْدَ إِيمَانِكُمْ ۚ إِنْ نَعْفُ عَنْ طَائِفَةٍ مِنْكُمْ نُعَذِّبْ طَائِفَةً بِأَنَّهُمْ كَانُوا مُجْرِمِينَ
अब बातें न बनाओं हक़ तो ये हैं कि तुम ईमान लाने के बाद काफ़िर हो बैठे अगर हम तुममें से कुछ लोगों से दरगुज़र भी करें तो हम कुछ लोगों को सज़ा ज़रूर देगें इस वजह से कि ये लोग कुसूरवार ज़रूर हैं
الْمُنَافِقُونَ وَالْمُنَافِقَاتُ بَعْضُهُمْ مِنْ بَعْضٍ ۚ يَأْمُرُونَ بِالْمُنْكَرِ وَيَنْهَوْنَ عَنِ الْمَعْرُوفِ وَيَقْبِضُونَ أَيْدِيَهُمْ ۚ نَسُوا اللَّهَ فَنَسِيَهُمْ ۗ إِنَّ الْمُنَافِقِينَ هُمُ الْفَاسِقُونَ
मुनाफिक़ मर्द और मुनाफिक़ औरतें एक दूसरे के बाहम जिन्स हैं कि (लोगों को) बुरे काम का तो हुक्म करते हैं और नेक कामों से रोकते हैं और अपने हाथ (राहे ख़ुदा में ख़र्च करने से) बन्द रखते हैं (सच तो यह है कि) ये लोग ख़ुदा को भूल बैठे तो ख़ुदा ने भी (गोया) उन्हें भुला दिया बेशक मुनाफ़िक़ बदचलन है
وَعَدَ اللَّهُ الْمُنَافِقِينَ وَالْمُنَافِقَاتِ وَالْكُفَّارَ نَارَ جَهَنَّمَ خَالِدِينَ فِيهَا ۚ هِيَ حَسْبُهُمْ ۚ وَلَعَنَهُمُ اللَّهُ ۖ وَلَهُمْ عَذَابٌ مُقِيمٌ
मुनाफिक़ मर्द और मुनाफिक़ औरतें और काफिरों से ख़ुदा ने जहन्नुम की आग का वायदा तो कर लिया है कि ये लोग हमेशा उसी में रहेगें और यही उन के लिए काफ़ी है और ख़ुदा ने उन पर लानत की है और उन्हीं के लिए दाइमी (हमेशा रहने वाला) अज़ाब है

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