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Surah At-Tawba Ayahs #34 Translated in Hindi

وَقَالَتِ الْيَهُودُ عُزَيْرٌ ابْنُ اللَّهِ وَقَالَتِ النَّصَارَى الْمَسِيحُ ابْنُ اللَّهِ ۖ ذَٰلِكَ قَوْلُهُمْ بِأَفْوَاهِهِمْ ۖ يُضَاهِئُونَ قَوْلَ الَّذِينَ كَفَرُوا مِنْ قَبْلُ ۚ قَاتَلَهُمُ اللَّهُ ۚ أَنَّىٰ يُؤْفَكُونَ
यहूद तो कहते हैं कि अज़ीज़ ख़ुदा के बेटे हैं और ईसाई कहते हैं कि मसीहा (ईसा) ख़ुदा के बेटे हैं ये तो उनकी बात है और (वह ख़ुद) उन्हीं के मुँह से ये लोग भी उन्हीं काफ़िरों की सी बातें बनाने लगे जो उनसे पहले गुज़र चुके हैं ख़ुदा उनको क़त्ल (तहस नहस) करके (देखो तो) कहाँ से कहाँ भटके जा रहे हैं
اتَّخَذُوا أَحْبَارَهُمْ وَرُهْبَانَهُمْ أَرْبَابًا مِنْ دُونِ اللَّهِ وَالْمَسِيحَ ابْنَ مَرْيَمَ وَمَا أُمِرُوا إِلَّا لِيَعْبُدُوا إِلَٰهًا وَاحِدًا ۖ لَا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ ۚ سُبْحَانَهُ عَمَّا يُشْرِكُونَ
उन लोगों ने तो अपने ख़ुदा को छोड़कर अपनी आलिमों को और अपने ज़ाहिदों को और मरियम के बेटे मसीह को अपना परवरदिगार बना डाला हालॉकि उन्होनें सिवाए इसके और हुक्म ही नहीं दिया गया कि ख़ुदाए यक़ता (सिर्फ़ ख़ुदा) की इबादत करें उसके सिवा (और कोई क़ाबिले परसतिश नहीं)
يُرِيدُونَ أَنْ يُطْفِئُوا نُورَ اللَّهِ بِأَفْوَاهِهِمْ وَيَأْبَى اللَّهُ إِلَّا أَنْ يُتِمَّ نُورَهُ وَلَوْ كَرِهَ الْكَافِرُونَ
जिस चीज़ को ये लोग उसका शरीक़ बनाते हैं वह उससे पाक व पाक़ीजा है ये लोग चाहते हैं कि अपने मुँह से (फ़ूंक मारकर) ख़ुदा के नूर को बुझा दें और ख़ुदा इसके सिवा कुछ मानता ही नहीं कि अपने नूर को पूरा ही करके रहे
هُوَ الَّذِي أَرْسَلَ رَسُولَهُ بِالْهُدَىٰ وَدِينِ الْحَقِّ لِيُظْهِرَهُ عَلَى الدِّينِ كُلِّهِ وَلَوْ كَرِهَ الْمُشْرِكُونَ
अगरचे कुफ्फ़ार बुरा माना करें वही तो (वह ख़ुदा) है कि जिसने अपने रसूल (मोहम्मद) को हिदायत और सच्चे दीन के साथ ( मबऊस करके) भेजता कि उसको तमाम दीनो पर ग़ालिब करे अगरचे मुशरेकीन बुरा माना करे
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِنَّ كَثِيرًا مِنَ الْأَحْبَارِ وَالرُّهْبَانِ لَيَأْكُلُونَ أَمْوَالَ النَّاسِ بِالْبَاطِلِ وَيَصُدُّونَ عَنْ سَبِيلِ اللَّهِ ۗ وَالَّذِينَ يَكْنِزُونَ الذَّهَبَ وَالْفِضَّةَ وَلَا يُنْفِقُونَهَا فِي سَبِيلِ اللَّهِ فَبَشِّرْهُمْ بِعَذَابٍ أَلِيمٍ
ऐ ईमानदारों इसमें उसमें शक़ नहीं कि (यहूद व नसारा के) बहुतेरे आलिम ज़ाहिद लोगों के माल (नाहक़) चख जाते है और (लोगों को) ख़ुदा की राह से रोकते हैं और जो लोग सोना और चाँदी जमा करते जाते हैं और उसको ख़ुदा की राह में खर्च नहीं करते तो (ऐ रसूल) उन को दर्दनाक अज़ाब की ख़ुशखबरी सुना दो

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