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Surah As-Saaffat Ayahs #168 Translated in Hindi

وَمَا مِنَّا إِلَّا لَهُ مَقَامٌ مَعْلُومٌ
और फरिश्ते या आइम्मा तो ये कहते हैं कि मैं हर एक का एक दरजा मुक़र्रर है
وَإِنَّا لَنَحْنُ الصَّافُّونَ
और हम तो यक़ीनन (उसकी इबादत के लिए) सफ बाँधे खड़े रहते हैं
وَإِنَّا لَنَحْنُ الْمُسَبِّحُونَ
और हम तो यक़ीनी (उसकी) तस्बीह पढ़ा करते हैं
وَإِنْ كَانُوا لَيَقُولُونَ
अगरचे ये कुफ्फार (इस्लाम के क़ब्ल) कहा करते थे
لَوْ أَنَّ عِنْدَنَا ذِكْرًا مِنَ الْأَوَّلِينَ
कि अगर हमारे पास भी अगले लोगों का तज़किरा (किसी किताबे खुदा में) होता

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