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Surah Ar-Rahman Ayahs #43 Translated in Hindi

فَيَوْمَئِذٍ لَا يُسْأَلُ عَنْ ذَنْبِهِ إِنْسٌ وَلَا جَانٌّ
तो उस दिन न तो किसी इन्सान से उसके गुनाह के बारे में पूछा जाएगा न किसी जिन से
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने मालिक की किस किस नेअमत को न मानोगे
يُعْرَفُ الْمُجْرِمُونَ بِسِيمَاهُمْ فَيُؤْخَذُ بِالنَّوَاصِي وَالْأَقْدَامِ
गुनाहगार लोग तो अपने चेहरों ही से पहचान लिए जाएँगे तो पेशानी के पटटे और पाँव पकड़े (जहन्नुम में डाल दिये जाएँगे)
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
आख़िर तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे
هَٰذِهِ جَهَنَّمُ الَّتِي يُكَذِّبُ بِهَا الْمُجْرِمُونَ
(फिर उनसे कहा जाएगा) यही वह जहन्नुम है जिसे गुनाहगार लोग झुठलाया करते थे

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