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Surah Al-Qasas Ayahs #75 Translated in Hindi

قُلْ أَرَأَيْتُمْ إِنْ جَعَلَ اللَّهُ عَلَيْكُمُ اللَّيْلَ سَرْمَدًا إِلَىٰ يَوْمِ الْقِيَامَةِ مَنْ إِلَٰهٌ غَيْرُ اللَّهِ يَأْتِيكُمْ بِضِيَاءٍ ۖ أَفَلَا تَسْمَعُونَ
(ऐ रसूल इन लोगों से) कहो कि भला तुमने देखा कि अगर ख़ुदा हमेशा के लिए क़यामत तक तुम्हारे सरों पर रात को छाए रहता तो अल्लाह के सिवा कौन ख़ुदा है जो तुम्हारे पास रौशनी ले आता तो क्या तुम सुनते नहीं हो
قُلْ أَرَأَيْتُمْ إِنْ جَعَلَ اللَّهُ عَلَيْكُمُ النَّهَارَ سَرْمَدًا إِلَىٰ يَوْمِ الْقِيَامَةِ مَنْ إِلَٰهٌ غَيْرُ اللَّهِ يَأْتِيكُمْ بِلَيْلٍ تَسْكُنُونَ فِيهِ ۖ أَفَلَا تُبْصِرُونَ
(ऐ रसूल उन से) कह दो कि भला तुमने देखा कि अगर ख़ुदा क़यामत तक बराबर तुम्हारे सरों पर दिन किए रहता तो अल्लाह के सिवा कौन ख़ुदा है जो तुम्हारे लिए रात को ले आता कि तुम लोग इसमें रात को आराम करो तो क्या तुम लोग (इतना भी) नहीं देखते
وَمِنْ رَحْمَتِهِ جَعَلَ لَكُمُ اللَّيْلَ وَالنَّهَارَ لِتَسْكُنُوا فِيهِ وَلِتَبْتَغُوا مِنْ فَضْلِهِ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ
और उसने अपनी मेहरबानी से तुम्हारे वास्ते रात और दिन को बनाया ताकि तुम रात में आराम करो और दिन में उसके फज़ल व करम (रोज़ी) की तलाश करो और ताकि तुम लोग शुक्र करो
وَيَوْمَ يُنَادِيهِمْ فَيَقُولُ أَيْنَ شُرَكَائِيَ الَّذِينَ كُنْتُمْ تَزْعُمُونَ
और (उस दिन को याद करो) जिस दिन वह उन्हें पुकार कर पूछेगा जिनको तुम लोग मेरा शरीक ख्याल करते थे वह (आज) कहाँ हैं
وَنَزَعْنَا مِنْ كُلِّ أُمَّةٍ شَهِيدًا فَقُلْنَا هَاتُوا بُرْهَانَكُمْ فَعَلِمُوا أَنَّ الْحَقَّ لِلَّهِ وَضَلَّ عَنْهُمْ مَا كَانُوا يَفْتَرُونَ
और हम हर एक उम्मत से एक गवाह (पैग़म्बर) निकाले (सामने बुलाएँगे) फिर (उस दिन मुशरेकीन से) कहेंगे कि अपनी (बराअत की) दलील पेश करो तब उन्हें मालूम हो जाएगा कि हक़ ख़ुदा ही की तरफ़ है और जो इफ़तेरा परवाज़ियाँ ये लोग किया करते थे सब उनसे ग़ायब हो जाएँगी

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