Quran Apps in many lanuages:

Surah Al-Hajj Ayahs #54 Translated in Hindi

فَالَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ لَهُمْ مَغْفِرَةٌ وَرِزْقٌ كَرِيمٌ
पस जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए (आख़िरत में) उनके लिए बख्शिश है और बेहिश्त की बहुत उम्दा रोज़ी
وَالَّذِينَ سَعَوْا فِي آيَاتِنَا مُعَاجِزِينَ أُولَٰئِكَ أَصْحَابُ الْجَحِيمِ
और जिन लोगों ने हमारी आयतों (के झुठलाने में हमारे) आजिज़ करने के वास्ते कोशिश की यही लोग तो जहन्नुमी हैं
وَمَا أَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ مِنْ رَسُولٍ وَلَا نَبِيٍّ إِلَّا إِذَا تَمَنَّىٰ أَلْقَى الشَّيْطَانُ فِي أُمْنِيَّتِهِ فَيَنْسَخُ اللَّهُ مَا يُلْقِي الشَّيْطَانُ ثُمَّ يُحْكِمُ اللَّهُ آيَاتِهِ ۗ وَاللَّهُ عَلِيمٌ حَكِيمٌ
और (ऐ रसूल) हमने तो तुमसे पहले जब कभी कोई रसूल और नबी भेजा तो ये ज़रूर हुआ कि जिस वक्त उसने (तबलीग़े एहकाम की) आरज़ू की तो शैतान ने उसकी आरज़ू में (लोंगों को बहका कर) ख़लल डाल दिया फिर जो वस वसा शैतान डालता है खुदा उसे बेट देता है फिर अपने एहकाम को मज़बूत करता है और खुदा तो बड़ा वाक़िफकार दाना है
لِيَجْعَلَ مَا يُلْقِي الشَّيْطَانُ فِتْنَةً لِلَّذِينَ فِي قُلُوبِهِمْ مَرَضٌ وَالْقَاسِيَةِ قُلُوبُهُمْ ۗ وَإِنَّ الظَّالِمِينَ لَفِي شِقَاقٍ بَعِيدٍ
और शैतान जो (वसवसा) डालता (भी) है तो इसलिए ताकि खुदा उसे उन लोगों के आज़माइश (का ज़रिया) क़रार दे जिनके दिलों में (कुफ्र का) मर्ज़ है और जिनके दिल सख्त हैं और बेशक (ये) ज़ालिम मुशरेकीन पल्ले दरजे की मुख़ालेफ़त में पड़े हैं
وَلِيَعْلَمَ الَّذِينَ أُوتُوا الْعِلْمَ أَنَّهُ الْحَقُّ مِنْ رَبِّكَ فَيُؤْمِنُوا بِهِ فَتُخْبِتَ لَهُ قُلُوبُهُمْ ۗ وَإِنَّ اللَّهَ لَهَادِ الَّذِينَ آمَنُوا إِلَىٰ صِرَاطٍ مُسْتَقِيمٍ
और (इसलिए भी) ताकि जिन लोगों को (कुतूबे समावी का) इल्म अता हुआ है वह जान लें कि ये (वही) बेशक तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से ठीक ठीक (नाज़िल) हुईहै फिर (ये ख्याल करके) इस पर वह लोग ईमान लाए फिर उनके दिल खुदा के सामने आजिज़ी करें और इसमें तो शक ही नहीं कि जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया उनकी खुदा सीधी राह तक पहुँचा देता है

Choose other languages: