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Surah Al-Baqara Ayahs #261 Translated in Hindi

اللَّهُ وَلِيُّ الَّذِينَ آمَنُوا يُخْرِجُهُمْ مِنَ الظُّلُمَاتِ إِلَى النُّورِ ۖ وَالَّذِينَ كَفَرُوا أَوْلِيَاؤُهُمُ الطَّاغُوتُ يُخْرِجُونَهُمْ مِنَ النُّورِ إِلَى الظُّلُمَاتِ ۗ أُولَٰئِكَ أَصْحَابُ النَّارِ ۖ هُمْ فِيهَا خَالِدُونَ
ख़ुदा उन लोगों का सरपरस्त है जो ईमान ला चुके कि उन्हें (गुमराही की) तारीक़ियों से निकाल कर (हिदायत की) रौशनी में लाता है और जिन लोगों ने कुफ़्र इख्तेयार किया उनके सरपरस्त शैतान हैं कि उनको (ईमान की) रौशनी से निकाल कर (कुफ़्र की) तारीकियों में डाल देते हैं यही लोग तो जहन्नुमी हैं (और) यही उसमें हमेशा रहेंगे
أَلَمْ تَرَ إِلَى الَّذِي حَاجَّ إِبْرَاهِيمَ فِي رَبِّهِ أَنْ آتَاهُ اللَّهُ الْمُلْكَ إِذْ قَالَ إِبْرَاهِيمُ رَبِّيَ الَّذِي يُحْيِي وَيُمِيتُ قَالَ أَنَا أُحْيِي وَأُمِيتُ ۖ قَالَ إِبْرَاهِيمُ فَإِنَّ اللَّهَ يَأْتِي بِالشَّمْسِ مِنَ الْمَشْرِقِ فَأْتِ بِهَا مِنَ الْمَغْرِبِ فَبُهِتَ الَّذِي كَفَرَ ۗ وَاللَّهُ لَا يَهْدِي الْقَوْمَ الظَّالِمِينَ
(ऐ रसूल) क्या तुम ने उस शख्स (के हाल) पर नज़र नहीं की जो सिर्फ़ इस बिरते पर कि ख़ुदा ने उसे सल्तनत दी थी इब्राहीम से उनके परवरदिगार के बारे में उलझ पड़ा कि जब इब्राहीम ने (उससे) कहा कि मेरा परवरदिगार तो वह है जो (लोगों को) जिलाता और मारता है तो वो भी (शेख़ी में) आकर कहने लगा मैं भी जिलाता और मारता हूं (तुम्हारे ख़ुदा ही में कौन सा कमाल है) इब्राहीम ने कहा (अच्छा) खुदा तो आफ़ताब को पूरब से निकालता है भला तुम उसको पश्चिम से निकालो इस पर वह काफ़िर हक्का बक्का हो कर रह गया (मगर ईमान न लाया) और ख़ुदा ज़ालिमों को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुंचाया करता
أَوْ كَالَّذِي مَرَّ عَلَىٰ قَرْيَةٍ وَهِيَ خَاوِيَةٌ عَلَىٰ عُرُوشِهَا قَالَ أَنَّىٰ يُحْيِي هَٰذِهِ اللَّهُ بَعْدَ مَوْتِهَا ۖ فَأَمَاتَهُ اللَّهُ مِائَةَ عَامٍ ثُمَّ بَعَثَهُ ۖ قَالَ كَمْ لَبِثْتَ ۖ قَالَ لَبِثْتُ يَوْمًا أَوْ بَعْضَ يَوْمٍ ۖ قَالَ بَلْ لَبِثْتَ مِائَةَ عَامٍ فَانْظُرْ إِلَىٰ طَعَامِكَ وَشَرَابِكَ لَمْ يَتَسَنَّهْ ۖ وَانْظُرْ إِلَىٰ حِمَارِكَ وَلِنَجْعَلَكَ آيَةً لِلنَّاسِ ۖ وَانْظُرْ إِلَى الْعِظَامِ كَيْفَ نُنْشِزُهَا ثُمَّ نَكْسُوهَا لَحْمًا ۚ فَلَمَّا تَبَيَّنَ لَهُ قَالَ أَعْلَمُ أَنَّ اللَّهَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ
(ऐ रसूल तुमने) मसलन उस (बन्दे के हाल पर भी नज़र की जो एक गॉव पर से होकर गुज़रा और वो ऐसा उजड़ा था कि अपनी छतों पर से ढह के गिर पड़ा था ये देखकर वह बन्दा (कहने लगा) अल्लाह अब इस गॉव को ऐसी वीरानी के बाद क्योंकर आबाद करेगा इस पर ख़ुदा ने उसको (मार डाला) सौ बरस तक मुर्दा रखा फिर उसको जिला उठाया (तब) पूछा तुम कितनी देर पड़े रहे अर्ज क़ी एक दिन पड़ा रहा एक दिन से भी कम फ़रमाया नहीं तुम (इसी हालत में) सौ बरस पड़े रहे अब ज़रा अपने खाने पीने (की चीज़ों) को देखो कि बुसा तक नहीं और ज़रा अपने गधे (सवारी) को तो देखो कि उसकी हड्डियाँ ढेर पड़ी हैं और सब इस वास्ते किया है ताकि लोगों के लिये तुम्हें क़ुदरत का नमूना बनाये और अच्छा अब (इस गधे की) हड्डियों की तरफ़ नज़र करो कि हम क्योंकर जोड़ जाड़ कर ढाँचा बनाते हैं फिर उनपर गोश्त चढ़ाते हैं पस जब ये उनपर ज़ाहिर हुआ तो बेसाख्ता बोल उठे कि (अब) मैं ये यक़ीने कामिल जानता हूं कि ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है
وَإِذْ قَالَ إِبْرَاهِيمُ رَبِّ أَرِنِي كَيْفَ تُحْيِي الْمَوْتَىٰ ۖ قَالَ أَوَلَمْ تُؤْمِنْ ۖ قَالَ بَلَىٰ وَلَٰكِنْ لِيَطْمَئِنَّ قَلْبِي ۖ قَالَ فَخُذْ أَرْبَعَةً مِنَ الطَّيْرِ فَصُرْهُنَّ إِلَيْكَ ثُمَّ اجْعَلْ عَلَىٰ كُلِّ جَبَلٍ مِنْهُنَّ جُزْءًا ثُمَّ ادْعُهُنَّ يَأْتِينَكَ سَعْيًا ۚ وَاعْلَمْ أَنَّ اللَّهَ عَزِيزٌ حَكِيمٌ
और (ऐ रसूल) वह वाकेया भी याद करो जब इबराहीम ने (खुदा से) दरख्वास्त की कि ऐ मेरे परवरदिगार तू मुझे भी तो दिखा दे कि तू मुर्दों को क्योंकर ज़िन्दा करता है ख़ुदा ने फ़रमाया क्या तुम्हें (इसका) यक़ीन नहीं इबराहीम ने अर्ज़ की (क्यों नहीं) यक़ीन तो है मगर ऑंख से देखना इसलिए चाहता हूं कि मेरे दिल को पूरा इत्मिनान हो जाए फ़रमाया (अगर ये चाहते हो) तो चार परिन्दे लो और उनको अपने पास मॅगवा लो और टुकड़े टुकड़े कर डालो फिर हर पहाड़ पर उनका एक एक टुकड़ा रख दो उसके बाद उनको बुलाओ (फिर देखो तो क्यों कर वह सब के सब तुम्हारे पास दौड़े हुए आते हैं और समझ रखो कि ख़ुदा बेशक ग़ालिब और हिकमत वाला है
مَثَلُ الَّذِينَ يُنْفِقُونَ أَمْوَالَهُمْ فِي سَبِيلِ اللَّهِ كَمَثَلِ حَبَّةٍ أَنْبَتَتْ سَبْعَ سَنَابِلَ فِي كُلِّ سُنْبُلَةٍ مِائَةُ حَبَّةٍ ۗ وَاللَّهُ يُضَاعِفُ لِمَنْ يَشَاءُ ۗ وَاللَّهُ وَاسِعٌ عَلِيمٌ
जो लोग अपने माल खुदा की राह में खर्च करते हैं उनके (खर्च) की मिसाल उस दाने की सी मिसाल है जिसकी सात बालियॉ निकलें (और) हर बाली में सौ (सौ) दाने हों और ख़ुदा जिसके लिये चाहता है दूना कर देता है और खुदा बड़ी गुन्जाइश वाला (हर चीज़ से) वाक़िफ़ है

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