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Surah Al-Baqara Ayahs #204 Translated in Hindi

فَإِذَا قَضَيْتُمْ مَنَاسِكَكُمْ فَاذْكُرُوا اللَّهَ كَذِكْرِكُمْ آبَاءَكُمْ أَوْ أَشَدَّ ذِكْرًا ۗ فَمِنَ النَّاسِ مَنْ يَقُولُ رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا وَمَا لَهُ فِي الْآخِرَةِ مِنْ خَلَاقٍ
फिर जब तुम अरक़ाने हज बजा ला चुको तो तुम इस तरह ज़िक्रे ख़ुदा करो जिस तरह तुम अपने बाप दादाओं का ज़िक्र करते हो बल्कि उससे बढ़ कर के फिर बाज़ लोग ऐसे हैं जो कहते हैं कि ऐ मेरे परवरदिगार हमको जो (देना है) दुनिया ही में दे दे हालाकि (फिर) आख़िरत में उनका कुछ हिस्सा नहीं
وَمِنْهُمْ مَنْ يَقُولُ رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِي الْآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ
और बाज़ बन्दे ऐसे हैं कि जो दुआ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले मुझे दुनिया में नेअमत दे और आख़िरत में सवाब दे और दोज़ख़ की बाग से बचा
أُولَٰئِكَ لَهُمْ نَصِيبٌ مِمَّا كَسَبُوا ۚ وَاللَّهُ سَرِيعُ الْحِسَابِ
यही वह लोग हैं जिनके लिए अपनी कमाई का हिस्सा चैन है
وَاذْكُرُوا اللَّهَ فِي أَيَّامٍ مَعْدُودَاتٍ ۚ فَمَنْ تَعَجَّلَ فِي يَوْمَيْنِ فَلَا إِثْمَ عَلَيْهِ وَمَنْ تَأَخَّرَ فَلَا إِثْمَ عَلَيْهِ ۚ لِمَنِ اتَّقَىٰ ۗ وَاتَّقُوا اللَّهَ وَاعْلَمُوا أَنَّكُمْ إِلَيْهِ تُحْشَرُونَ
और ख़ुदा बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है (निस्फ़) और इन गिनती के चन्द दिनों तक (तो) ख़ुदा का ज़िक्र करो फिर जो शख्स जल्दी कर बैठै और (मिना) से और दो ही दिन में चल ख़ड़ा हो तो उस पर भी गुनाह नहीं है और जो (तीसरे दिन तक) ठहरा रहे उस पर भी कुछ गुनाह नही लेकिन यह रियायत उसके वास्ते है जो परहेज़गार हो, और खुदा से डरते रहो और यक़ीन जानो कि एक दिन तुम सब के सब उसकी तरफ क़ब्रों से उठाए जाओगे
وَمِنَ النَّاسِ مَنْ يُعْجِبُكَ قَوْلُهُ فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا وَيُشْهِدُ اللَّهَ عَلَىٰ مَا فِي قَلْبِهِ وَهُوَ أَلَدُّ الْخِصَامِ
ऐ रसूल बाज़ लोग मुनाफिक़ीन से ऐसे भी हैं जिनकी चिकनी चुपड़ी बातें (इस ज़रा सी) दुनयावी ज़िन्दगी में तुम्हें बहुत भाती है और वह अपनी दिली मोहब्बत पर ख़ुदा को गवाह मुक़र्रर करते हैं हालॉकि वह तुम्हारे दुश्मनों में सबसे ज्यादा झगड़ालू हैं

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