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Surah Al-Baqara Ayahs #18 Translated in Hindi

وَإِذَا لَقُوا الَّذِينَ آمَنُوا قَالُوا آمَنَّا وَإِذَا خَلَوْا إِلَىٰ شَيَاطِينِهِمْ قَالُوا إِنَّا مَعَكُمْ إِنَّمَا نَحْنُ مُسْتَهْزِئُونَ
और जब उन लोगों से मिलते हैं जो ईमान ला चुके तो कहते हैं हम तो ईमान ला चुके और जब अपने शैतानों के साथ तनहा रह जाते हैं तो कहते हैं हम तुम्हारे साथ हैं हम तो (मुसलमानों को) बनाते हैं
اللَّهُ يَسْتَهْزِئُ بِهِمْ وَيَمُدُّهُمْ فِي طُغْيَانِهِمْ يَعْمَهُونَ
(वह क्या बनाएँगे) खुदा उनको बनाता है और उनको ढील देता है कि वह अपनी सरकशी में ग़लत पेचाँ (उलझे) रहें
أُولَٰئِكَ الَّذِينَ اشْتَرَوُا الضَّلَالَةَ بِالْهُدَىٰ فَمَا رَبِحَتْ تِجَارَتُهُمْ وَمَا كَانُوا مُهْتَدِينَ
यही वह लोग हैं जिन्होंने हिदायत के बदले गुमराही ख़रीद ली, फिर न उनकी तिजारत ही ने कुछ नफ़ा दिया और न उन लोगों ने हिदायत ही पाई
مَثَلُهُمْ كَمَثَلِ الَّذِي اسْتَوْقَدَ نَارًا فَلَمَّا أَضَاءَتْ مَا حَوْلَهُ ذَهَبَ اللَّهُ بِنُورِهِمْ وَتَرَكَهُمْ فِي ظُلُمَاتٍ لَا يُبْصِرُونَ
उन लोगों की मिसाल (तो) उस शख्स की सी है जिसने (रात के वक्त मजमे में) भड़कती हुईआग रौशन की फिर जब आग (के शोले) ने उसके गिर्दों पेश (चारों ओर) खूब उजाला कर दिया तो खुदा ने उनकी रौशनी ले ली और उनको घटाटोप अंधेरे में छोड़ दिया
صُمٌّ بُكْمٌ عُمْيٌ فَهُمْ لَا يَرْجِعُونَ
कि अब उन्हें कुछ सुझाई नहीं देता ये लोग बहरे गूँगे अन्धे हैं कि फिर अपनी गुमराही से बाज़ नहीं आ सकते

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