Quran Apps in many lanuages:

Surah Al-Baqara Ayahs #128 Translated in Hindi

وَإِذِ ابْتَلَىٰ إِبْرَاهِيمَ رَبُّهُ بِكَلِمَاتٍ فَأَتَمَّهُنَّ ۖ قَالَ إِنِّي جَاعِلُكَ لِلنَّاسِ إِمَامًا ۖ قَالَ وَمِنْ ذُرِّيَّتِي ۖ قَالَ لَا يَنَالُ عَهْدِي الظَّالِمِينَ
(ऐ रसूल) बनी इसराईल को वह वक्त भी याद दिलाओ जब इबराहीम को उनके परवरदिगार ने चन्द बातों में आज़माया और उन्होंने पूरा कर दिया तो खुदा ने फरमाया मैं तुमको (लोगों का) पेशवा बनाने वाला हूँ (हज़रत इबराहीम ने) अर्ज़ की और मेरी औलाद में से फरमाया (हाँ मगर) मेरे इस अहद पर ज़ालिमों में से कोई शख्स फ़ायज़ नहीं हो सकता
وَإِذْ جَعَلْنَا الْبَيْتَ مَثَابَةً لِلنَّاسِ وَأَمْنًا وَاتَّخِذُوا مِنْ مَقَامِ إِبْرَاهِيمَ مُصَلًّى ۖ وَعَهِدْنَا إِلَىٰ إِبْرَاهِيمَ وَإِسْمَاعِيلَ أَنْ طَهِّرَا بَيْتِيَ لِلطَّائِفِينَ وَالْعَاكِفِينَ وَالرُّكَّعِ السُّجُودِ
(ऐ रसूल वह वक्त भी याद दिलाओ) जब हमने ख़ानए काबा को लोगों के सवाब और पनाह की जगह क़रार दी और हुक्म दिया गया कि इबराहीम की (इस) जगह को नमाज़ की जगह बनाओ और इबराहीम व इसमाइल से अहद व पैमान लिया कि मेरे (उस) घर को तवाफ़ और एतक़ाफ़ और रूकू और सजदा करने वालों के वास्ते साफ सुथरा रखो
وَإِذْ قَالَ إِبْرَاهِيمُ رَبِّ اجْعَلْ هَٰذَا بَلَدًا آمِنًا وَارْزُقْ أَهْلَهُ مِنَ الثَّمَرَاتِ مَنْ آمَنَ مِنْهُمْ بِاللَّهِ وَالْيَوْمِ الْآخِرِ ۖ قَالَ وَمَنْ كَفَرَ فَأُمَتِّعُهُ قَلِيلًا ثُمَّ أَضْطَرُّهُ إِلَىٰ عَذَابِ النَّارِ ۖ وَبِئْسَ الْمَصِيرُ
और (ऐ रसूल वह वक्त भी याद दिलाओ) जब इबराहीम ने दुआ माँगी कि ऐ मेरे परवरदिगार इस (शहर) को पनाह व अमन का शहर बना, और उसके रहने वालों में से जो खुदा और रोज़े आख़िरत पर ईमान लाए उसको तरह-तरह के फल खाने को दें खुदा ने फरमाया (अच्छा मगर) वो कुफ्र इख़तेयार करेगा उसकी दुनिया में चन्द रोज़ (उन चीज़ो से) फायदा उठाने दूँगा फिर (आख़ेरत में) उसको मजबूर करके दोज़ख़ की तरफ खींच ले जाऊँगा और वह बहुत बुरा ठिकाना है
وَإِذْ يَرْفَعُ إِبْرَاهِيمُ الْقَوَاعِدَ مِنَ الْبَيْتِ وَإِسْمَاعِيلُ رَبَّنَا تَقَبَّلْ مِنَّا ۖ إِنَّكَ أَنْتَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ
और (वह वक्त याद दिलाओ) जब इबराहीम व इसमाईल ख़ानाए काबा की बुनियादें बुलन्द कर रहे थे (और दुआ) माँगते जाते थे कि ऐ हमारे परवरदिगार हमारी (ये ख़िदमत) कुबूल कर बेशक तू ही (दूआ का) सुनने वाला (और उसका) जानने वाला है
رَبَّنَا وَاجْعَلْنَا مُسْلِمَيْنِ لَكَ وَمِنْ ذُرِّيَّتِنَا أُمَّةً مُسْلِمَةً لَكَ وَأَرِنَا مَنَاسِكَنَا وَتُبْ عَلَيْنَا ۖ إِنَّكَ أَنْتَ التَّوَّابُ الرَّحِيمُ
(और) ऐ हमारे पालने वाले तू हमें अपना फरमाबरदार बन्दा बना हमारी औलाद से एक गिरोह (पैदा कर) जो तेरा फरमाबरदार हो, और हमको हमारे हज की जगहों दिखा दे और हमारी तौबा क़ुबूल कर, बेशक तू ही बड़ा तौबा कुबूल करने वाला मेहरबान है

Choose other languages: