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Surah Al-Anaam Ayahs #45 Translated in Hindi

بَلْ إِيَّاهُ تَدْعُونَ فَيَكْشِفُ مَا تَدْعُونَ إِلَيْهِ إِنْ شَاءَ وَتَنْسَوْنَ مَا تُشْرِكُونَ
(दूसरों को तो क्या) बल्कि उसी को पुकारोगे फिर अगर वह चाहेगा तो जिस के वास्ते तुमने उसको पुकारा है उसे दफा कर देगा और (उस वक्त) तुम दूसरे माबूदों को जिन्हे तुम (ख़ुदा का) शरीक समझते थे भूल जाओगे
وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا إِلَىٰ أُمَمٍ مِنْ قَبْلِكَ فَأَخَذْنَاهُمْ بِالْبَأْسَاءِ وَالضَّرَّاءِ لَعَلَّهُمْ يَتَضَرَّعُونَ
और (ऐ रसूल) जो उम्मतें तुमसे पहले गुज़र चुकी हैं हम उनके पास भी बहुतेरे रसूल भेज चुके हैं फिर (जब नाफ़रमानी की) तो हमने उनको सख्ती
فَلَوْلَا إِذْ جَاءَهُمْ بَأْسُنَا تَضَرَّعُوا وَلَٰكِنْ قَسَتْ قُلُوبُهُمْ وَزَيَّنَ لَهُمُ الشَّيْطَانُ مَا كَانُوا يَعْمَلُونَ
और तकलीफ़ में गिरफ्तार किया ताकि वह लोग (हमारी बारगाह में) गिड़गिड़ाए तो जब उन (के सर) पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हुआ तो वह लोग क्यों नहीं गिड़गिड़ाए (कि हम अज़ाब दफा कर देते) मगर उनके दिल तो सख्त हो गए थे ओर उनकी कारस्तानियों को शैतान ने आरास्ता कर दिखाया था (फिर क्योंकर गिड़गिड़ाते)
فَلَمَّا نَسُوا مَا ذُكِّرُوا بِهِ فَتَحْنَا عَلَيْهِمْ أَبْوَابَ كُلِّ شَيْءٍ حَتَّىٰ إِذَا فَرِحُوا بِمَا أُوتُوا أَخَذْنَاهُمْ بَغْتَةً فَإِذَا هُمْ مُبْلِسُونَ
फिर जिसकी उन्हें नसीहत की गयी थी जब उसको भूल गए तो हमने उन पर (ढील देने के लिए) हर तरह की (दुनियावी) नेअमतों के दरवाज़े खोल दिए यहाँ तक कि जो नेअमतें उनको दी गयी थी जब उनको पाकर ख़ुश हुए तो हमने उन्हें नागाहाँ (एक दम) ले डाला तो उस वक्त वह नाउम्मीद होकर रह गए
فَقُطِعَ دَابِرُ الْقَوْمِ الَّذِينَ ظَلَمُوا ۚ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ
फिर ज़ालिम लोगों की जड़ काट दी गयी और सारे जहाँन के मालिक ख़ुदा का शुक्र है

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