Quran Apps in many lanuages:

Surah Yunus Ayahs #47 Translated in Hindi

وَمِنْهُمْ مَنْ يَنْظُرُ إِلَيْكَ ۚ أَفَأَنْتَ تَهْدِي الْعُمْيَ وَلَوْ كَانُوا لَا يُبْصِرُونَ
तुम कही बहरों को कुछ सुना सकते हो और बाज़ उनमें से ऐसे हैं जो तुम्हारी तरफ (टकटकी बाँधे) देखते हैं तो (क्या वह ईमान लाएँगें हरगिज़ नहीं) अगरचे उन्हें कुछ न सूझता हो तो तुम अन्धे को राहे रास्त दिखा दोगे
إِنَّ اللَّهَ لَا يَظْلِمُ النَّاسَ شَيْئًا وَلَٰكِنَّ النَّاسَ أَنْفُسَهُمْ يَظْلِمُونَ
ख़ुदा तो हरगिज़ लोगों पर कुछ भी ज़ुल्म नहीं करता मगर लोग खुद अपने ऊपर (अपनी करतूत से) जुल्म किया करते है
وَيَوْمَ يَحْشُرُهُمْ كَأَنْ لَمْ يَلْبَثُوا إِلَّا سَاعَةً مِنَ النَّهَارِ يَتَعَارَفُونَ بَيْنَهُمْ ۚ قَدْ خَسِرَ الَّذِينَ كَذَّبُوا بِلِقَاءِ اللَّهِ وَمَا كَانُوا مُهْتَدِينَ
और जिस दिन ख़ुदा इन लोगों को (अपनी बारगाह में) जमा करेगा तो गोया ये लोग (समझेगें कि दुनिया में) बस घड़ी दिन भर ठहरे और आपस में एक दूसरे को पहचानेंगे जिन लोगों ने ख़ुदा की बारगाह में हाज़िर होने को झुठलाया वह ज़रुर घाटे में हैं और हिदायत याफता न थे
وَإِمَّا نُرِيَنَّكَ بَعْضَ الَّذِي نَعِدُهُمْ أَوْ نَتَوَفَّيَنَّكَ فَإِلَيْنَا مَرْجِعُهُمْ ثُمَّ اللَّهُ شَهِيدٌ عَلَىٰ مَا يَفْعَلُونَ
ऐ रसूल हम जिस जिस (अज़ाब) का उनसे वायदा कर चुके हैं उनमें से बाज़ ख्वाहा तुम्हें दिखा दें या तुमको (पहले ही दुनिया से) उठा ले फिर (आख़िर) तो उन सबको हमारी तरफ लौटना ही है फिर जो कुछ ये लोग कर रहे हैं ख़ुदा तो उस पर गवाह ही है
وَلِكُلِّ أُمَّةٍ رَسُولٌ ۖ فَإِذَا جَاءَ رَسُولُهُمْ قُضِيَ بَيْنَهُمْ بِالْقِسْطِ وَهُمْ لَا يُظْلَمُونَ
और हर उम्मत का ख़ास (एक) एक रसूल हुआ है फिर जब उनका रसूल (हमारी बारगाह में) आएगा तो उनके दरमियान इन्साफ़ के साथ फैसला कर दिया जाएगा और उन पर ज़र्रा बराबर ज़ुल्म न किया जाएगा

Choose other languages: