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Surah Ta-Ha Ayahs #109 Translated in Hindi

وَيَسْأَلُونَكَ عَنِ الْجِبَالِ فَقُلْ يَنْسِفُهَا رَبِّي نَسْفًا
(और ऐ रसूल) तुम से लोग पहाड़ों के बारे में पूछा करते हैं (कि क़यामत के रोज़ क्या होगा)
فَيَذَرُهَا قَاعًا صَفْصَفًا
तो तुम कह दो कि मेरा परवरदिगार बिल्कुल रेज़ा रेज़ा करके उड़ा डालेगा और ज़मीन को एक चटियल मैदान कर छोड़ेगा
لَا تَرَىٰ فِيهَا عِوَجًا وَلَا أَمْتًا
कि (ऐ शख्स) न तो उसमें मोड़ देखेगा और न ऊँच-नीच
يَوْمَئِذٍ يَتَّبِعُونَ الدَّاعِيَ لَا عِوَجَ لَهُ ۖ وَخَشَعَتِ الْأَصْوَاتُ لِلرَّحْمَٰنِ فَلَا تَسْمَعُ إِلَّا هَمْسًا
उस दिन लोग एक पुकारने वाले इसराफ़ील की आवाज़ के पीछे (इस तरह सीधे) दौड़ पड़ेगे कि उसमें कुछ भी कज़ी न होगी और आवाज़े उस दिन खुदा के सामने (इस तरह) घिघियाएगें कि तू घुनघुनाहट के सिवा और कुछ न सुनेगा
يَوْمَئِذٍ لَا تَنْفَعُ الشَّفَاعَةُ إِلَّا مَنْ أَذِنَ لَهُ الرَّحْمَٰنُ وَرَضِيَ لَهُ قَوْلًا
उस दिन किसी की सिफ़ारिश काम न आएगी मगर जिसको खुदा ने इजाज़त दी हो और उसका बोलना पसन्द करे जो कुछ उन लोगों के सामने है और जो कुछ उनके पीछे है

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