Quran Apps in many lanuages:

Surah Hud Ayahs #105 Translated in Hindi

وَمَا ظَلَمْنَاهُمْ وَلَٰكِنْ ظَلَمُوا أَنْفُسَهُمْ ۖ فَمَا أَغْنَتْ عَنْهُمْ آلِهَتُهُمُ الَّتِي يَدْعُونَ مِنْ دُونِ اللَّهِ مِنْ شَيْءٍ لَمَّا جَاءَ أَمْرُ رَبِّكَ ۖ وَمَا زَادُوهُمْ غَيْرَ تَتْبِيبٍ
और हमने किसी तरह उन पर ज़ल्म नहीं किया बल्कि उन लोगों ने आप अपने ऊपर (नाफरमानी करके) ज़ुल्म किया फिर जब तुम्हारे परवरदिगार का (अज़ाब का) हुक्म आ पहुँचा तो न उसके वह माबूद ही काम आए जिन्हें ख़ुदा को छोड़कर पुकारा करते थें और न उन माबूदों ने हलाक करने के सिवा कुछ फायदा ही पहुँचाया बल्कि उन्हीं की परसतिश की बदौलत अज़ाब आया
وَكَذَٰلِكَ أَخْذُ رَبِّكَ إِذَا أَخَذَ الْقُرَىٰ وَهِيَ ظَالِمَةٌ ۚ إِنَّ أَخْذَهُ أَلِيمٌ شَدِيدٌ
और (ऐ रसूल) बस्तियों के लोगों की सरकशी से जब तुम्हारा परवरदिगार अज़ाब में पकड़ता है तो उसकी पकड़ ऐसी ही होती है बेशक पकड़ तो दर्दनाक (और सख्त) होती है
إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً لِمَنْ خَافَ عَذَابَ الْآخِرَةِ ۚ ذَٰلِكَ يَوْمٌ مَجْمُوعٌ لَهُ النَّاسُ وَذَٰلِكَ يَوْمٌ مَشْهُودٌ
इसमें तो शक़ नहीं कि उस शख़्श के वास्ते जो अज़ाब आख़िरत से डरता है (हमारी कुदरत की) एक निशानी है ये वह रोज़ होगा कि सारे (जहाँन) के लोग जमा किए जाएंगें और यही वह दिन होगा कि (हमारी बारगाह में) सब हाज़िर किए जाएंगें
وَمَا نُؤَخِّرُهُ إِلَّا لِأَجَلٍ مَعْدُودٍ
और हम बस एक मुअय्युन मुद्दत तक इसमें देर कर रहे है
يَوْمَ يَأْتِ لَا تَكَلَّمُ نَفْسٌ إِلَّا بِإِذْنِهِ ۚ فَمِنْهُمْ شَقِيٌّ وَسَعِيدٌ
जिस दिन वह आ पहुँचेगा तो बग़ैर हुक्मे ख़ुदा कोई शख़्श बात भी तो नहीं कर सकेगा फिर कुछ लोग उनमे से बदबख्त होगें और कुछ लोग नेक बख्त

Choose other languages: