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Surah Ghafir Ayahs #77 Translated in Hindi

ثُمَّ قِيلَ لَهُمْ أَيْنَ مَا كُنْتُمْ تُشْرِكُونَ
फिर उनसे पूछा जाएगा कि ख़ुदा के सिवा जिनको (उसका) शरीक बनाते थे
مِنْ دُونِ اللَّهِ ۖ قَالُوا ضَلُّوا عَنَّا بَلْ لَمْ نَكُنْ نَدْعُو مِنْ قَبْلُ شَيْئًا ۚ كَذَٰلِكَ يُضِلُّ اللَّهُ الْكَافِرِينَ
(इस वक्त) क़हाँ हैं वह कहेंगे अब तो वह हमसे जाते रहे बल्कि (सच यूँ है कि) हम तो पहले ही से (ख़ुदा के सिवा) किसी चीज़ की परसतिश न करते थे यूँ ख़ुदा काफिरों को बौखला देगा
ذَٰلِكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَفْرَحُونَ فِي الْأَرْضِ بِغَيْرِ الْحَقِّ وَبِمَا كُنْتُمْ تَمْرَحُونَ
(कि कुछ समझ में न आएगा) ये उसकी सज़ा है कि तुम दुनिया में नाहक (बात पर) निहाल थे और इसकी सज़ा है कि तुम इतराया करते थे
ادْخُلُوا أَبْوَابَ جَهَنَّمَ خَالِدِينَ فِيهَا ۖ فَبِئْسَ مَثْوَى الْمُتَكَبِّرِينَ
अब जहन्नुम के दरवाज़े में दाख़िल हो जाओ (और) हमेशा उसी में (पड़े) रहो, ग़रज़ तकब्बुर करने वालों का भी (क्या) बुरा ठिकाना है
فَاصْبِرْ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ ۚ فَإِمَّا نُرِيَنَّكَ بَعْضَ الَّذِي نَعِدُهُمْ أَوْ نَتَوَفَّيَنَّكَ فَإِلَيْنَا يُرْجَعُونَ
तो (ऐ रसूल) तुम सब्र करो ख़ुदा का वायदा यक़ीनी सच्चा है तो जिस (अज़ाब) की हम उन्हें धमकी देते हैं अगर हम तुमको उसमें कुछ दिखा दें या तुम ही को (इसके क़ब्ल) दुनिया से उठा लें तो (आख़िर फिर) उनको हमारी तरफ लौट कर आना है,

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