Quran Apps in many lanuages:

Surah At-Tawba Ayahs #97 Translated in Hindi

إِنَّمَا السَّبِيلُ عَلَى الَّذِينَ يَسْتَأْذِنُونَكَ وَهُمْ أَغْنِيَاءُ ۚ رَضُوا بِأَنْ يَكُونُوا مَعَ الْخَوَالِفِ وَطَبَعَ اللَّهُ عَلَىٰ قُلُوبِهِمْ فَهُمْ لَا يَعْلَمُونَ
उनकी ऑंखों से ऑंसू जारी थे (इल्ज़ाम की) सबील तो सिर्फ उन्हीं लोगों पर है जिन्होंने बावजूद मालदार होने के तुमसे (जिहाद में) न जाने की इजाज़त चाही और उनके पीछे रह जाने वाले (औरतों, बच्चों) के साथ रहना पसन्द आया और ख़ुदा ने उनके दिलों पर (गोया) मोहर कर दी है तो ये लोग कुछ नहीं जानते
يَعْتَذِرُونَ إِلَيْكُمْ إِذَا رَجَعْتُمْ إِلَيْهِمْ ۚ قُلْ لَا تَعْتَذِرُوا لَنْ نُؤْمِنَ لَكُمْ قَدْ نَبَّأَنَا اللَّهُ مِنْ أَخْبَارِكُمْ ۚ وَسَيَرَى اللَّهُ عَمَلَكُمْ وَرَسُولُهُ ثُمَّ تُرَدُّونَ إِلَىٰ عَالِمِ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ فَيُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ
जब तुम उनके पास (जिहाद से लौट कर) वापस आओगे तो ये (मुनाफिक़ीन) तुमसे (तरह तरह) की माअज़रत करेंगे (ऐ रसूल) तुम कह दो कि बातें न बनाओ हम हरग़िज़ तुम्हारी बात न मानेंगे (क्योंकि) हमे तो ख़ुदा ने तुम्हारे हालात से आगाह कर दिया है अनक़ीरब ख़ुदा और उसका रसूल तुम्हारी कारस्तानी को मुलाहज़ा फरमाएगें फिर तुम ज़ाहिर व बातिन के जानने वालों (ख़ुदा) की हुज़ूरी में लौटा दिए जाओगे तो जो कुछ तुम (दुनिया में) करते थे (ज़र्रा ज़र्रा) बता देगा
سَيَحْلِفُونَ بِاللَّهِ لَكُمْ إِذَا انْقَلَبْتُمْ إِلَيْهِمْ لِتُعْرِضُوا عَنْهُمْ ۖ فَأَعْرِضُوا عَنْهُمْ ۖ إِنَّهُمْ رِجْسٌ ۖ وَمَأْوَاهُمْ جَهَنَّمُ جَزَاءً بِمَا كَانُوا يَكْسِبُونَ
जब तुम उनके पास (जिहाद से) वापस आओगे तो तुम्हारे सामने ख़ुदा की क़समें खाएगें ताकि तुम उनसे दरगुज़र करो तो तुम उनकी तरफ से मुँह फेर लो बेशक ये लोग नापाक हैं और उनका ठिकाना जहन्नुम है (ये) सज़ा है उसकी जो ये (दुनिया में) किया करते थे
يَحْلِفُونَ لَكُمْ لِتَرْضَوْا عَنْهُمْ ۖ فَإِنْ تَرْضَوْا عَنْهُمْ فَإِنَّ اللَّهَ لَا يَرْضَىٰ عَنِ الْقَوْمِ الْفَاسِقِينَ
तुम्हारे सामने ये लोग क़समें खाते हैं ताकि तुम उनसे राज़ी हो (भी) जाओ तो ख़ुदा बदकार लोगों से हरगिज़ कभी राज़ी नहीं होगा
الْأَعْرَابُ أَشَدُّ كُفْرًا وَنِفَاقًا وَأَجْدَرُ أَلَّا يَعْلَمُوا حُدُودَ مَا أَنْزَلَ اللَّهُ عَلَىٰ رَسُولِهِ ۗ وَاللَّهُ عَلِيمٌ حَكِيمٌ
(ये) अरब के गॅवार देहाती कुफ्र व निफाक़ में बड़े सख्त हैं और इसी क़ाबिल हैं कि जो किताब ख़ुदा ने अपने रसूल पर नाज़िल फरमाई है उसके एहक़ाम न जानें और ख़ुदा तो बड़ा दाना हकीम है

Choose other languages: