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Surah At-Tawba Ayahs #93 Translated in Hindi

أَعَدَّ اللَّهُ لَهُمْ جَنَّاتٍ تَجْرِي مِنْ تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ خَالِدِينَ فِيهَا ۚ ذَٰلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ
ख़ुदा ने उनके वास्ते (बेहश्त) के वह (हरे भरे) बाग़ तैयार कर रखे हैं जिनके (दरख्तों के) नीचे नहरे जारी हैं (और ये) इसमें हमेशा रहेंगें यही तो बड़ी कामयाबी हैं
وَجَاءَ الْمُعَذِّرُونَ مِنَ الْأَعْرَابِ لِيُؤْذَنَ لَهُمْ وَقَعَدَ الَّذِينَ كَذَبُوا اللَّهَ وَرَسُولَهُ ۚ سَيُصِيبُ الَّذِينَ كَفَرُوا مِنْهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ
और (तुम्हारे पास) कुछ हीला करने वाले गवार देहाती (भी) आ मौजदू हुए ताकि उनको भी (पीछे रह जाने की) इजाज़त दी जाए और जिन लोगों ने ख़ुदा और उसके रसूल से झूठ कहा था वह (घर में) बैठ रहे (आए तक नहीं) उनमें से जिन लोगों ने कुफ़्र एख्तेयार किया अनक़रीब ही उन पर दर्दनाक अज़ाब आ पहुँचेगा
لَيْسَ عَلَى الضُّعَفَاءِ وَلَا عَلَى الْمَرْضَىٰ وَلَا عَلَى الَّذِينَ لَا يَجِدُونَ مَا يُنْفِقُونَ حَرَجٌ إِذَا نَصَحُوا لِلَّهِ وَرَسُولِهِ ۚ مَا عَلَى الْمُحْسِنِينَ مِنْ سَبِيلٍ ۚ وَاللَّهُ غَفُورٌ رَحِيمٌ
(ऐ रसूल जिहाद में न जाने का) न तो कमज़ोरों पर कुछ गुनाह है न बीमारों पर और न उन लोगों पर जो कुछ नहीं पाते कि ख़र्च करें बशर्ते कि ये लोग ख़ुदा और उसके रसूल की ख़ैर ख्वाही करें नेकी करने वालों पर (इल्ज़ाम की) कोई सबील नहीं और ख़ुदा बड़ा बख़्शने वाला मेहरबान है
وَلَا عَلَى الَّذِينَ إِذَا مَا أَتَوْكَ لِتَحْمِلَهُمْ قُلْتَ لَا أَجِدُ مَا أَحْمِلُكُمْ عَلَيْهِ تَوَلَّوْا وَأَعْيُنُهُمْ تَفِيضُ مِنَ الدَّمْعِ حَزَنًا أَلَّا يَجِدُوا مَا يُنْفِقُونَ
और न उन्हीं लोगों पर कोई इल्ज़ाम है जो तुम्हारे पास आए कि तुम उनके लिए सवारी बाहम पहुँचा दो और तुमने कहा कि मेरे पास (तो कोई सवारी) मौजूद नहीं कि तुमको उस पर सवार करूँ तो वह लोग (मजबूरन) फिर गए और हसरत (व अफसोस) उसे उस ग़म में कि उन को ख़र्च मयस्सर न आया
إِنَّمَا السَّبِيلُ عَلَى الَّذِينَ يَسْتَأْذِنُونَكَ وَهُمْ أَغْنِيَاءُ ۚ رَضُوا بِأَنْ يَكُونُوا مَعَ الْخَوَالِفِ وَطَبَعَ اللَّهُ عَلَىٰ قُلُوبِهِمْ فَهُمْ لَا يَعْلَمُونَ
उनकी ऑंखों से ऑंसू जारी थे (इल्ज़ाम की) सबील तो सिर्फ उन्हीं लोगों पर है जिन्होंने बावजूद मालदार होने के तुमसे (जिहाद में) न जाने की इजाज़त चाही और उनके पीछे रह जाने वाले (औरतों, बच्चों) के साथ रहना पसन्द आया और ख़ुदा ने उनके दिलों पर (गोया) मोहर कर दी है तो ये लोग कुछ नहीं जानते

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