Quran Apps in many lanuages:

Surah Ash-Shura Ayahs #16 Translated in Hindi

لَهُ مَقَالِيدُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۖ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ يَشَاءُ وَيَقْدِرُ ۚ إِنَّهُ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيمٌ
सारे आसमान व ज़मीन की कुन्जियाँ उसके पास हैं जिसके लिए चाहता है रोज़ी को फराख़ कर देता है (जिसके लिए) चाहता है तंग कर देता है बेशक वह हर चीज़ से ख़ूब वाक़िफ़ है
شَرَعَ لَكُمْ مِنَ الدِّينِ مَا وَصَّىٰ بِهِ نُوحًا وَالَّذِي أَوْحَيْنَا إِلَيْكَ وَمَا وَصَّيْنَا بِهِ إِبْرَاهِيمَ وَمُوسَىٰ وَعِيسَىٰ ۖ أَنْ أَقِيمُوا الدِّينَ وَلَا تَتَفَرَّقُوا فِيهِ ۚ كَبُرَ عَلَى الْمُشْرِكِينَ مَا تَدْعُوهُمْ إِلَيْهِ ۚ اللَّهُ يَجْتَبِي إِلَيْهِ مَنْ يَشَاءُ وَيَهْدِي إِلَيْهِ مَنْ يُنِيبُ
उसने तुम्हारे लिए दीन का वही रास्ता मुक़र्रर किया जिस (पर चलने का) नूह को हुक्म दिया था और (ऐ रसूल) उसी की हमने तुम्हारे पास वही भेजी है और उसी का इब्राहीम और मूसा और ईसा को भी हुक्म दिया था (वह) ये (है कि) दीन को क़ायम रखना और उसमें तफ़रक़ा न डालना जिस दीन की तरफ तुम मुशरेकीन को बुलाते हो वह उन पर बहुत शाक़ ग़ुज़रता है ख़ुदा जिसको चाहता है अपनी बारगाह का बरगुज़ीदा कर लेता है और जो उसकी तरफ रूजू करे (अपनी तरफ़ (पहुँचने) का रास्ता दिखा देता है
وَمَا تَفَرَّقُوا إِلَّا مِنْ بَعْدِ مَا جَاءَهُمُ الْعِلْمُ بَغْيًا بَيْنَهُمْ ۚ وَلَوْلَا كَلِمَةٌ سَبَقَتْ مِنْ رَبِّكَ إِلَىٰ أَجَلٍ مُسَمًّى لَقُضِيَ بَيْنَهُمْ ۚ وَإِنَّ الَّذِينَ أُورِثُوا الْكِتَابَ مِنْ بَعْدِهِمْ لَفِي شَكٍّ مِنْهُ مُرِيبٍ
और ये लोग मुतफ़र्रिक़ हुए भी तो इल्म (हक़) आ चुकने के बाद और (वह भी) महज़ आपस की ज़िद से और अगर तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से एक वक्ते मुक़र्रर तक के लिए (क़यामत का) वायदा न हो चुका होता तो उनमें कबका फैसला हो चुका होता और जो लोग उनके बाद (ख़ुदा की) किताब के वारिस हुए वह उसकी तरफ से बहुत सख्त शुबहे में (पड़े हुए) हैं
فَلِذَٰلِكَ فَادْعُ ۖ وَاسْتَقِمْ كَمَا أُمِرْتَ ۖ وَلَا تَتَّبِعْ أَهْوَاءَهُمْ ۖ وَقُلْ آمَنْتُ بِمَا أَنْزَلَ اللَّهُ مِنْ كِتَابٍ ۖ وَأُمِرْتُ لِأَعْدِلَ بَيْنَكُمُ ۖ اللَّهُ رَبُّنَا وَرَبُّكُمْ ۖ لَنَا أَعْمَالُنَا وَلَكُمْ أَعْمَالُكُمْ ۖ لَا حُجَّةَ بَيْنَنَا وَبَيْنَكُمُ ۖ اللَّهُ يَجْمَعُ بَيْنَنَا ۖ وَإِلَيْهِ الْمَصِيرُ
तो (ऐ रसूल) तुम (लोगों को) उसी (दीन) की तरफ बुलाते रहे जो और जैसा तुमको हुक्म हुआ है (उसी पर क़ायम रहो और उनकी नफ़सियानी ख्वाहिशों की पैरवी न करो और साफ़ साफ़ कह दो कि जो किताब ख़ुदा ने नाज़िल की है उस पर मैं ईमान रखता हूँ और मुझे हुक्म हुआ है कि मैं तुम्हारे एख्तेलाफात के (दरमेयान) इन्साफ़ (से फ़ैसला) करूँ ख़ुदा ही हमारा भी परवरदिगार है और वही तुम्हारा भी परवरदिगार है हमारी कारगुज़ारियाँ हमारे ही लिए हैं और तुम्हारी कारस्तानियाँ तुम्हारे वास्ते हममें और तुममें तो कुछ हुज्जत (व तक़रार की ज़रूरत) नहीं ख़ुदा ही हम (क़यामत में) सबको इकट्ठा करेगा
وَالَّذِينَ يُحَاجُّونَ فِي اللَّهِ مِنْ بَعْدِ مَا اسْتُجِيبَ لَهُ حُجَّتُهُمْ دَاحِضَةٌ عِنْدَ رَبِّهِمْ وَعَلَيْهِمْ غَضَبٌ وَلَهُمْ عَذَابٌ شَدِيدٌ
और उसी की तरफ लौट कर जाना है और जो लोग उसके मान लिए जाने के बाद ख़ुदा के बारे में (ख्वाहमख्वाह) झगड़ा करते हैं उनके परवरदिगार के नज़दीक उनकी दलील लग़ो बातिल है और उन पर (ख़ुदा का) ग़ज़ब और उनके लिए सख्त अज़ाब है

Choose other languages: