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Surah Ash-Shu'ara Ayahs #107 Translated in Hindi

إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً ۖ وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُمْ مُؤْمِنِينَ
इबराहीम के इस किस्से में भी यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और इनमें से अक्सर ईमान लाने वाले थे भी नहीं
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ
और इसमे तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार (सब पर) ग़ालिब और बड़ा मेहरबान है
كَذَّبَتْ قَوْمُ نُوحٍ الْمُرْسَلِينَ
(यूँ ही) नूह की क़ौम ने पैग़म्बरो को झुठलाया
إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ نُوحٌ أَلَا تَتَّقُونَ
कि जब उनसे उन के भाई नूह ने कहा कि तुम लोग (ख़ुदा से) क्यों नहीं डरते मै तो तुम्हारा यक़ीनी अमानत दार पैग़म्बर हूँ
إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ
तुम खुदा से डरो और मेरी इताअत करो

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