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Surah As-Saaffat Ayahs #172 Translated in Hindi

لَوْ أَنَّ عِنْدَنَا ذِكْرًا مِنَ الْأَوَّلِينَ
कि अगर हमारे पास भी अगले लोगों का तज़किरा (किसी किताबे खुदा में) होता
لَكُنَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ
तो हम भी खुदा के निरे खरे बन्दे ज़रूर हो जाते
فَكَفَرُوا بِهِ ۖ فَسَوْفَ يَعْلَمُونَ
(मगर जब किताब आयी) तो उन लोगों ने उससे इन्कार किया ख़ैर अनक़रीब (उसका नतीजा) उन्हें मालूम हो जाएगा
وَلَقَدْ سَبَقَتْ كَلِمَتُنَا لِعِبَادِنَا الْمُرْسَلِينَ
और अपने ख़ास बन्दों पैग़म्बरों से हमारी बात पक्की हो चुकी है
إِنَّهُمْ لَهُمُ الْمَنْصُورُونَ
कि इन लोगों की (हमारी बारगाह से) यक़ीनी मदद की जाएगी

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