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Surah As-Saaffat Ayahs #174 Translated in Hindi

فَكَفَرُوا بِهِ ۖ فَسَوْفَ يَعْلَمُونَ
(मगर जब किताब आयी) तो उन लोगों ने उससे इन्कार किया ख़ैर अनक़रीब (उसका नतीजा) उन्हें मालूम हो जाएगा
وَلَقَدْ سَبَقَتْ كَلِمَتُنَا لِعِبَادِنَا الْمُرْسَلِينَ
और अपने ख़ास बन्दों पैग़म्बरों से हमारी बात पक्की हो चुकी है
إِنَّهُمْ لَهُمُ الْمَنْصُورُونَ
कि इन लोगों की (हमारी बारगाह से) यक़ीनी मदद की जाएगी
وَإِنَّ جُنْدَنَا لَهُمُ الْغَالِبُونَ
और हमारा लश्कर तो यक़ीनन ग़ालिब रहेगा
فَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتَّىٰ حِينٍ
तो (ऐ रसूल) तुम उनसे एक ख़ास वक्त तक मुँह फेरे रहो

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