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Surah An-Nisa Ayahs #54 Translated in Hindi

انْظُرْ كَيْفَ يَفْتَرُونَ عَلَى اللَّهِ الْكَذِبَ ۖ وَكَفَىٰ بِهِ إِثْمًا مُبِينًا
(ऐ रसूल) ज़रा देखो तो ये लोग ख़ुदा पर कैसे कैसे झूठ तूफ़ान जोड़ते हैं और खुल्लम खुल्ला गुनाह के वास्ते तो यही काफ़ी है
أَلَمْ تَرَ إِلَى الَّذِينَ أُوتُوا نَصِيبًا مِنَ الْكِتَابِ يُؤْمِنُونَ بِالْجِبْتِ وَالطَّاغُوتِ وَيَقُولُونَ لِلَّذِينَ كَفَرُوا هَٰؤُلَاءِ أَهْدَىٰ مِنَ الَّذِينَ آمَنُوا سَبِيلًا
(ऐ रसूल) क्या तुमने उन लोगों के (हाल पर) नज़र नहीं की जिन्हें किताबे ख़ुदा का कुछ हिस्सा दिया गया था और (फिर) शैतान और बुतों का कलमा पढ़ने लगे और जिन लोगों ने कुफ़्र इख्तेयार किया है उनकी निस्बत कहने लगे कि ये तो ईमान लाने वालों से ज्यादा राहे रास्त पर हैं
أُولَٰئِكَ الَّذِينَ لَعَنَهُمُ اللَّهُ ۖ وَمَنْ يَلْعَنِ اللَّهُ فَلَنْ تَجِدَ لَهُ نَصِيرًا
(ऐ रसूल) यही वह लोग हैं जिनपर ख़ुदा ने लानत की है और जिस पर ख़ुदा ने लानत की है तुम उनका मददगार हरगिज़ किसी को न पाओगे
أَمْ لَهُمْ نَصِيبٌ مِنَ الْمُلْكِ فَإِذًا لَا يُؤْتُونَ النَّاسَ نَقِيرًا
क्या (दुनिया) की सल्तनत में कुछ उनका भी हिस्सा है कि इस वजह से लोगों को भूसी भर भी न देंगे
أَمْ يَحْسُدُونَ النَّاسَ عَلَىٰ مَا آتَاهُمُ اللَّهُ مِنْ فَضْلِهِ ۖ فَقَدْ آتَيْنَا آلَ إِبْرَاهِيمَ الْكِتَابَ وَالْحِكْمَةَ وَآتَيْنَاهُمْ مُلْكًا عَظِيمًا
या ख़ुदा ने जो अपने फ़ज़ल से (तुम) लोगों को (कुरान) अता फ़रमाया है इसके रश्क पर चले जाते हैं (तो उसका क्या इलाज है) हमने तो इबराहीम की औलाद को किताब और अक्ल की बातें अता फ़रमायी हैं और उनको बहुत बड़ी सल्तनत भी दी

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