Surah An-Nisa Ayahs #129 Translated in Hindi
وَمَنْ أَحْسَنُ دِينًا مِمَّنْ أَسْلَمَ وَجْهَهُ لِلَّهِ وَهُوَ مُحْسِنٌ وَاتَّبَعَ مِلَّةَ إِبْرَاهِيمَ حَنِيفًا ۗ وَاتَّخَذَ اللَّهُ إِبْرَاهِيمَ خَلِيلًا
और उस शख्स से दीन में बेहतर कौन होगा जिसने ख़ुदा के सामने अपना सरे तसलीम झुका दिया और नेको कार भी है और इबराहीम के तरीके पर चलता है जो बातिल से कतरा कर चलते थे और ख़ुदा ने इब्राहिम को तो अपना ख़लिस दोस्त बना लिया
وَلِلَّهِ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۚ وَكَانَ اللَّهُ بِكُلِّ شَيْءٍ مُحِيطًا
और जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही का है और ख़ुदा ही सब चीज़ को (अपनी) कुदरत से घेरे हुए है
وَيَسْتَفْتُونَكَ فِي النِّسَاءِ ۖ قُلِ اللَّهُ يُفْتِيكُمْ فِيهِنَّ وَمَا يُتْلَىٰ عَلَيْكُمْ فِي الْكِتَابِ فِي يَتَامَى النِّسَاءِ اللَّاتِي لَا تُؤْتُونَهُنَّ مَا كُتِبَ لَهُنَّ وَتَرْغَبُونَ أَنْ تَنْكِحُوهُنَّ وَالْمُسْتَضْعَفِينَ مِنَ الْوِلْدَانِ وَأَنْ تَقُومُوا لِلْيَتَامَىٰ بِالْقِسْطِ ۚ وَمَا تَفْعَلُوا مِنْ خَيْرٍ فَإِنَّ اللَّهَ كَانَ بِهِ عَلِيمًا
(ऐ रसूल) ये लोग तुमसे (यतीम लड़कियों) से निकाह के बारे में फ़तवा तलब करते हैं तुम उनसे कह दो कि ख़ुदा तुम्हें उनसे (निकाह करने) की इजाज़त देता है और जो हुक्म मनाही का कुरान में तुम्हें (पहले) सुनाया जा चुका है वह हक़ीक़तन उन यतीम लड़कियों के वास्ते था जिन्हें तुम उनका मुअय्यन किया हुआ हक़ नहीं देते और चाहते हो (कि यूं ही) उनसे निकाह कर लो और उन कमज़ोर नातवॉ (कमजोर) बच्चों के बारे में हुक्म फ़रमाता है और (वो) ये है कि तुम यतीमों के हुक़ूक़ के बारे में इन्साफ पर क़ायम रहो और (यक़ीन रखो कि) जो कुछ तुम नेकी करोगे तो ख़ुदा ज़रूर वाक़िफ़कार है
وَإِنِ امْرَأَةٌ خَافَتْ مِنْ بَعْلِهَا نُشُوزًا أَوْ إِعْرَاضًا فَلَا جُنَاحَ عَلَيْهِمَا أَنْ يُصْلِحَا بَيْنَهُمَا صُلْحًا ۚ وَالصُّلْحُ خَيْرٌ ۗ وَأُحْضِرَتِ الْأَنْفُسُ الشُّحَّ ۚ وَإِنْ تُحْسِنُوا وَتَتَّقُوا فَإِنَّ اللَّهَ كَانَ بِمَا تَعْمَلُونَ خَبِيرًا
और अगर कोई औरत अपने शौहर की ज्यादती व बेतवज्जोही से (तलाक़ का) ख़ौफ़ रखती हो तो मियॉ बीवी के बाहम किसी तरह मिलाप कर लेने में दोनों (में से किसी पर) कुछ गुनाह नहीं है और सुलह तो (बहरहाल) बेहतर है और बुख्ल से तो क़रीब क़रीब हर तबियत के हम पहलू है और अगर तुम नेकी करो और परहेजदारी करो तो ख़ुदा तुम्हारे हर काम से ख़बरदार है (वही तुमको अज्र देगा)
وَلَنْ تَسْتَطِيعُوا أَنْ تَعْدِلُوا بَيْنَ النِّسَاءِ وَلَوْ حَرَصْتُمْ ۖ فَلَا تَمِيلُوا كُلَّ الْمَيْلِ فَتَذَرُوهَا كَالْمُعَلَّقَةِ ۚ وَإِنْ تُصْلِحُوا وَتَتَّقُوا فَإِنَّ اللَّهَ كَانَ غَفُورًا رَحِيمًا
और अगरचे तुम बहुतेरा चाहो (लेकिन) तुममें इतनी सकत तो हरगिज़ नहीं है कि अपनी कई बीवियों में (पूरा पूरा) इन्साफ़ कर सको (मगर) ऐसा भी तो न करो कि (एक ही की तरफ़) हमातन माएल हो जाओ कि (दूसरी को अधड़ में) लटकी हुई छोड़ दो और अगर बाहम मेल कर लो और (ज्यादती से) बचे रहो तो ख़ुदा यक़ीनन बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
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