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Surah An-Nahl Ayahs #95 Translated in Hindi

وَأَوْفُوا بِعَهْدِ اللَّهِ إِذَا عَاهَدْتُمْ وَلَا تَنْقُضُوا الْأَيْمَانَ بَعْدَ تَوْكِيدِهَا وَقَدْ جَعَلْتُمُ اللَّهَ عَلَيْكُمْ كَفِيلًا ۚ إِنَّ اللَّهَ يَعْلَمُ مَا تَفْعَلُونَ
और जब तुम लोग बाहम क़ौल व क़रार कर लिया करो तो ख़ुदा के एहदो पैमान को पूरा करो और क़समों को उनके पक्का हो जाने के बाद न तोड़ा करो हालॉकि तुम तो ख़ुदा को अपना ज़ामिन बना चुके हो जो कुछ भी तुम करते हो ख़ुदा उसे ज़रुर जानता है
وَلَا تَكُونُوا كَالَّتِي نَقَضَتْ غَزْلَهَا مِنْ بَعْدِ قُوَّةٍ أَنْكَاثًا تَتَّخِذُونَ أَيْمَانَكُمْ دَخَلًا بَيْنَكُمْ أَنْ تَكُونَ أُمَّةٌ هِيَ أَرْبَىٰ مِنْ أُمَّةٍ ۚ إِنَّمَا يَبْلُوكُمُ اللَّهُ بِهِ ۚ وَلَيُبَيِّنَنَّ لَكُمْ يَوْمَ الْقِيَامَةِ مَا كُنْتُمْ فِيهِ تَخْتَلِفُونَ
और तुम लोग (क़समों के तोड़ने में) उस औरत के ऐसे न हो जो अपना सूत मज़बूत कातने के बाद टुकड़े टुकड़े करके तोड़ डाले कि अपने एहदो को आपस में उस बात की मक्कारी का ज़रिया बनाने लगो कि एक गिरोह दूसरे गिरोह से (ख्वामख़वाह) बढ़ जाए इससे बस ख़ुदा तुमको आज़माता है (कि तुम किसी की पालाइश करते हो) और जिन बातों में तुम दुनिया में झगड़ते थे क़यामत के दिन ख़ुदा खुद तुम से साफ साफ बयान कर देगा
وَلَوْ شَاءَ اللَّهُ لَجَعَلَكُمْ أُمَّةً وَاحِدَةً وَلَٰكِنْ يُضِلُّ مَنْ يَشَاءُ وَيَهْدِي مَنْ يَشَاءُ ۚ وَلَتُسْأَلُنَّ عَمَّا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ
और अगर ख़ुदा चाहता तो तुम सबको एक ही (किस्म के) गिरोह बना देता मगर वह तो जिसको चाहता है गुमराही में छोड़ देता है और जिसकी चाहता है हिदायत करता है और जो कुछ तुम लोग दुनिया में किया करते थे उसकी बाज़ पुर्स (पुछ गछ) तुमसे ज़रुर की जाएगी
وَلَا تَتَّخِذُوا أَيْمَانَكُمْ دَخَلًا بَيْنَكُمْ فَتَزِلَّ قَدَمٌ بَعْدَ ثُبُوتِهَا وَتَذُوقُوا السُّوءَ بِمَا صَدَدْتُمْ عَنْ سَبِيلِ اللَّهِ ۖ وَلَكُمْ عَذَابٌ عَظِيمٌ
और तुम अपनी क़समों को आपस में के फसाद का सबब न बनाओ ताकि (लोगों के) क़दम जमने के बाद (इस्लाम से) उखड़ जाएँ और फिर आख़िरकार क़यामत में तुम्हें लोगों को ख़ुदा की राह से रोकने की पादाश (रोकने के बदले) में अज़ाब का मज़ा चखना पड़े और तुम्हारे वास्ते बड़ा सख्त अज़ाब हो
وَلَا تَشْتَرُوا بِعَهْدِ اللَّهِ ثَمَنًا قَلِيلًا ۚ إِنَّمَا عِنْدَ اللَّهِ هُوَ خَيْرٌ لَكُمْ إِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُونَ
और ख़ुदा के एहदो पैमान के बदले थोड़ी क़ीमत (दुनयावी नफा) न लो अगर तुम जानते (बूझते) हो तो (समझ लो कि) जो कुछ ख़ुदा के पास है वह उससे कहीं बेहतर है

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