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Surah Al-Isra Ayahs #61 Translated in Hindi

أُولَٰئِكَ الَّذِينَ يَدْعُونَ يَبْتَغُونَ إِلَىٰ رَبِّهِمُ الْوَسِيلَةَ أَيُّهُمْ أَقْرَبُ وَيَرْجُونَ رَحْمَتَهُ وَيَخَافُونَ عَذَابَهُ ۚ إِنَّ عَذَابَ رَبِّكَ كَانَ مَحْذُورًا
ये लोग जिनको मुशरेकीन (अपना ख़ुदा समझकर) इबादत करते हैं वह खुद अपने परवरदिगार की क़ुरबत के ज़रिए ढूँढते फिरते हैं कि (देखो) इनमें से कौन ज्यादा कुरबत रखता है और उसकी रहमत की उम्मीद रखते और उसके अज़ाब से डरते हैं इसमें शक़ नहीं कि तेरे परवरदिगार का अज़ाब डरने की चीज़ है
وَإِنْ مِنْ قَرْيَةٍ إِلَّا نَحْنُ مُهْلِكُوهَا قَبْلَ يَوْمِ الْقِيَامَةِ أَوْ مُعَذِّبُوهَا عَذَابًا شَدِيدًا ۚ كَانَ ذَٰلِكَ فِي الْكِتَابِ مَسْطُورًا
और कोई बस्ती नहीं है मगर रोज़ क़यामत से पहले हम उसे तबाह व बरबाद कर छोड़ेगें या (नाफरमानी) की सज़ा में उस पर सख्त से सख्त अज़ाब करेगें (और) ये बात किताब (लौहे महफूज़) में लिखी जा चुकी है
وَمَا مَنَعَنَا أَنْ نُرْسِلَ بِالْآيَاتِ إِلَّا أَنْ كَذَّبَ بِهَا الْأَوَّلُونَ ۚ وَآتَيْنَا ثَمُودَ النَّاقَةَ مُبْصِرَةً فَظَلَمُوا بِهَا ۚ وَمَا نُرْسِلُ بِالْآيَاتِ إِلَّا تَخْوِيفًا
और हमें मौजिज़ात भेजने से किसी चीज़ ने नहीं रोका मगर इसके सिवा कि अगलों ने उन्हें झुठला दिया और हमने क़ौमे समूद को (मौजिज़े से) ऊँटनी अता की जो (हमारी कुदरत की) दिखाने वाली थी तो उन लोगों ने उस पर ज़ुल्म किया यहाँ तक कि मार डाला और हम तो मौजिज़े सिर्फ डराने की ग़रज़ से भेजा करते हैं
وَإِذْ قُلْنَا لَكَ إِنَّ رَبَّكَ أَحَاطَ بِالنَّاسِ ۚ وَمَا جَعَلْنَا الرُّؤْيَا الَّتِي أَرَيْنَاكَ إِلَّا فِتْنَةً لِلنَّاسِ وَالشَّجَرَةَ الْمَلْعُونَةَ فِي الْقُرْآنِ ۚ وَنُخَوِّفُهُمْ فَمَا يَزِيدُهُمْ إِلَّا طُغْيَانًا كَبِيرًا
और (ऐ रसूल) वह वक्त याद करो जब तुमसे हमने कह दिया था कि तुम्हारे परवरदिगार ने लोगों को (हर तरफ से) रोक रखा है कि (तुम्हारा कुछ बिगाड़ नहीं सकते और हमने जो ख्वाब तुमाको दिखलाया था तो बस उसे लोगों (के ईमान) की आज़माइश का ज़रिया ठहराया था और (इसी तरह) वह दरख्त जिस पर क़ुरान में लानत की गई है और हम बावजूद कि उन लोगों को (तरह तरह) से डराते हैं मगर हमारा डराना उनकी सख्त सरकशी को बढ़ाता ही गया
وَإِذْ قُلْنَا لِلْمَلَائِكَةِ اسْجُدُوا لِآدَمَ فَسَجَدُوا إِلَّا إِبْلِيسَ قَالَ أَأَسْجُدُ لِمَنْ خَلَقْتَ طِينًا
और जब हम ने फरिश्तों से कहा कि आदम को सजदा करो तो सबने सजदा किया मगर इबलीस वह (गुरुर से) कहने लगा कि क्या मै ऐसे शख़्श को सजदा करुँ जिसे तूने मिट्टी से पैदा किया है

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