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Surah Al-Inshiqaq Ayahs #20 Translated in Hindi

فَلَا أُقْسِمُ بِالشَّفَقِ
तो मुझे शाम की मुर्ख़ी की क़सम
وَاللَّيْلِ وَمَا وَسَقَ
और रात की और उन चीज़ों की जिन्हें ये ढाँक लेती है
وَالْقَمَرِ إِذَا اتَّسَقَ
और चाँद की जब पूरा हो जाए
لَتَرْكَبُنَّ طَبَقًا عَنْ طَبَقٍ
कि तुम लोग ज़रूर एक सख्ती के बाद दूसरी सख्ती में फँसोगे
فَمَا لَهُمْ لَا يُؤْمِنُونَ
तो उन लोगों को क्या हो गया है कि ईमान नहीं ईमान नहीं लाते

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