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Surah Al-Hijr Ayahs #77 Translated in Hindi

فَأَخَذَتْهُمُ الصَّيْحَةُ مُشْرِقِينَ
(लूत की सुनते काहे को) ग़रज़ सूरज निकलते निकलते उनको (बड़े ज़ोरो की) चिघाड़ न ले डाला
فَجَعَلْنَا عَالِيَهَا سَافِلَهَا وَأَمْطَرْنَا عَلَيْهِمْ حِجَارَةً مِنْ سِجِّيلٍ
फिर हमने उसी बस्ती को उलट कर उसके ऊपर के तबके क़ो नीचे का तबक़ा बना दिया और उसके ऊपर उन पर खरन्जे के पत्थर बरसा दिए इसमें शक़ नहीं कि इसमें (असली बात के) ताड़ जाने वालों के लिए (कुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं
إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِلْمُتَوَسِّمِينَ
और वह उलटी हुई बस्ती हमेशा (की आमदरफ्त)
وَإِنَّهَا لَبِسَبِيلٍ مُقِيمٍ
के रास्ते पर है
إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً لِلْمُؤْمِنِينَ
इसमें तो शक हीं नहीं कि इसमें ईमानदारों के वास्ते (कुदरते ख़ुदा की) बहुत बड़ी निशानी है

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