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Surah Al-Fath Ayahs #5 Translated in Hindi

إِنَّا فَتَحْنَا لَكَ فَتْحًا مُبِينًا
(ऐ रसूल) ये हुबैदिया की सुलह नहीं बल्कि हमने हक़ीक़तन तुमको खुल्लम खुल्ला फतेह अता की
لِيَغْفِرَ لَكَ اللَّهُ مَا تَقَدَّمَ مِنْ ذَنْبِكَ وَمَا تَأَخَّرَ وَيُتِمَّ نِعْمَتَهُ عَلَيْكَ وَيَهْدِيَكَ صِرَاطًا مُسْتَقِيمًا
ताकि ख़ुदा तुम्हारी उम्मत के अगले और पिछले गुनाह माफ़ कर दे और तुम पर अपनी नेअमत पूरी करे और तुम्हें सीधी राह पर साबित क़दम रखे
وَيَنْصُرَكَ اللَّهُ نَصْرًا عَزِيزًا
और ख़ुदा तुम्हारी ज़बरदस्त मदद करे
هُوَ الَّذِي أَنْزَلَ السَّكِينَةَ فِي قُلُوبِ الْمُؤْمِنِينَ لِيَزْدَادُوا إِيمَانًا مَعَ إِيمَانِهِمْ ۗ وَلِلَّهِ جُنُودُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ وَكَانَ اللَّهُ عَلِيمًا حَكِيمًا
वह (वही) ख़ुदा तो है जिसने मोमिनीन के दिलों में तसल्ली नाज़िल फरमाई ताकि अपने (पहले) ईमान के साथ और ईमान को बढ़ाएँ और सारे आसमान व ज़मीन के लशकर तो ख़ुदा ही के हैं और ख़ुदा बड़ा वाक़िफकार हकीम है
لِيُدْخِلَ الْمُؤْمِنِينَ وَالْمُؤْمِنَاتِ جَنَّاتٍ تَجْرِي مِنْ تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ خَالِدِينَ فِيهَا وَيُكَفِّرَ عَنْهُمْ سَيِّئَاتِهِمْ ۚ وَكَانَ ذَٰلِكَ عِنْدَ اللَّهِ فَوْزًا عَظِيمًا
ताकि मोमिन मर्द और मोमिना औरतों को (बेहिश्त) के बाग़ों में जा पहुँचाए जिनके नीचे नहरें जारी हैं और ये वहाँ हमेशा रहेंगे और उनके गुनाहों को उनसे दूर कर दे और ये ख़ुदा के नज़दीक बड़ी कामयाबी है

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