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Surah Al-Anfal Ayahs #75 Translated in Hindi

إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَهَاجَرُوا وَجَاهَدُوا بِأَمْوَالِهِمْ وَأَنْفُسِهِمْ فِي سَبِيلِ اللَّهِ وَالَّذِينَ آوَوْا وَنَصَرُوا أُولَٰئِكَ بَعْضُهُمْ أَوْلِيَاءُ بَعْضٍ ۚ وَالَّذِينَ آمَنُوا وَلَمْ يُهَاجِرُوا مَا لَكُمْ مِنْ وَلَايَتِهِمْ مِنْ شَيْءٍ حَتَّىٰ يُهَاجِرُوا ۚ وَإِنِ اسْتَنْصَرُوكُمْ فِي الدِّينِ فَعَلَيْكُمُ النَّصْرُ إِلَّا عَلَىٰ قَوْمٍ بَيْنَكُمْ وَبَيْنَهُمْ مِيثَاقٌ ۗ وَاللَّهُ بِمَا تَعْمَلُونَ بَصِيرٌ
जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और अपने अपने जान माल से ख़ुदा की राह में जिहाद किया और जिन लोगों ने (हिजरत करने वालों को जगह दी और हर (तरह) उनकी ख़बर गीरी (मदद) की यही लोग एक दूसरे के (बाहम) सरपरस्त दोस्त हैं और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और हिजरत नहीं की तो तुम लोगों को उनकी सरपरस्ती से कुछ सरोकार नहीं-यहाँ तक कि वह हिजरत एख्तियार करें और (हॉ) मगर दीनी अम्र में तुम से मदद के ख्वाहॉ हो तो तुम पर (उनकी मदद करना लाज़िम व वाजिब है मगर उन लोगों के मुक़ाबले में (नहीं) जिनमें और तुममें बाहम (सुलह का) एहदो पैमान है और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा (सबको) देख रहा है
وَالَّذِينَ كَفَرُوا بَعْضُهُمْ أَوْلِيَاءُ بَعْضٍ ۚ إِلَّا تَفْعَلُوهُ تَكُنْ فِتْنَةٌ فِي الْأَرْضِ وَفَسَادٌ كَبِيرٌ
और जो लोग काफ़िर हैं वह भी (बाहम) एक दूसरे के सरपरस्त हैं अगर तुम (इस तरह) वायदा न करोगे तो रूए ज़मीन पर फ़ितना (फ़साद) बरपा हो जाएगा और बड़ा फ़साद होगा
وَالَّذِينَ آمَنُوا وَهَاجَرُوا وَجَاهَدُوا فِي سَبِيلِ اللَّهِ وَالَّذِينَ آوَوْا وَنَصَرُوا أُولَٰئِكَ هُمُ الْمُؤْمِنُونَ حَقًّا ۚ لَهُمْ مَغْفِرَةٌ وَرِزْقٌ كَرِيمٌ
और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और ख़ुदा की राह में लड़े भिड़े और जिन लोगों ने (ऐसे नाज़ुक वक्त में मुहाजिरीन को जगह ही और उनकी हर तरह ख़बरगीरी (मदद) की यही लोग सच्चे ईमानदार हैं उन्हीं के वास्ते मग़फिरत और इज्ज़त व आबरु वाली रोज़ी है
وَالَّذِينَ آمَنُوا مِنْ بَعْدُ وَهَاجَرُوا وَجَاهَدُوا مَعَكُمْ فَأُولَٰئِكَ مِنْكُمْ ۚ وَأُولُو الْأَرْحَامِ بَعْضُهُمْ أَوْلَىٰ بِبَعْضٍ فِي كِتَابِ اللَّهِ ۗ إِنَّ اللَّهَ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيمٌ
और जिन लोगों ने (सुलह हुदैबिया के) बाद ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और तुम्हारे साथ मिलकर जिहाद किया वह लोग भी तुम्हीं में से हैं और साहबाने क़राबत ख़ुदा की किताब में बाहम एक दूसरे के (बनिस्बत औरों के) ज्यादा हक़दार हैं बेशक ख़ुदा हर चीज़ से ख़ूब वाक़िफ हैं

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